स्विट्ज़रलैंड में हाइपोक्सिया से एक महिला की मौत के कारण पूरे विश्व में तहलका मचा हुआ है। मामला इतना बढ़ गया है कि वहाँ की आंतरिक मंत्री को एक बयान भी जारी करना पड़ गया है।
स्विट्ज़रलैंड : हाइपोक्सिया मौत शब्द बहुत हद तक इच्छामृत्यु से जुड़ा है। ज्यादातर लोगों की पहचान से अनजान इस नाम ने आज दुनिया में बवाल खड़ा कर दिया है। मामला स्विट्ज़रलैंड का है जहां एक महिला ने इच्छामृत्यु से अपने लिए हाइपोक्सिया मौत चुनी है। इच्छामृत्यु अधिकांश देशों में बैन है।
एक कैप्सूल जैसी दिखने वाली चीज से शरीर में होने वाला हाइपोक्सिया मानव को इच्छामृत्यु देता है। इस कैप्सूल में प्रवेश करने के बाद व्यक्ति के सामने एक बटन होता है। अगर व्यक्ति इस बटन को दबा दे तो कैप्सूल के अंदर मौजूद ऑक्सीजन नाइट्रोजन में बदल जाती है। जिसके कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है।
बचाव में मंत्रियों को देना पड़ा बयान
मामला इतना बढ़ गया कि स्विट्ज़रलैंड की आंतरिक मिनिस्टर एलिजाबेथ बॉम-श्नाइडर को बयान तक जारी करना पड़ गया। सांसदों को बताते हुए उन्होंने कहा कि, "ये कानूनी नहीं है। वहीं ये मामला उत्तरी शैफहॉसन कैंटन का है जहां पुलिस ने कई लोगों कों हिरासत में लिया गया है। उन सभी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में उचित आपराधिक कार्यवाही होगी।"
क्या होता है हाइपोक्सिया?
हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थति है जिसमें शरीर या शरीर के किसी खास अंग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। ऐसा होने की स्थिति में व्यक्ति की जान तक जा सकती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को सेरेब्रल हाइपोक्सिया भी हो सकता है। इसका शरीर पर प्रभाव जानने के लिए व्यक्ति की चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) से जांच की जा सकती है। इससे पीड़ित व्यक्ति पर भ्रम, बेचैनी, सांस लेने में कठिनाई, तेज़ हृदय गति और नीली त्वचा जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?
मामला तब शुरू हुआ जब द लास्ट रिज़ॉर्ट नाम के संगठन का कुछ महीनों पहले एक पॉडकास्ट सामने आया था। पॉडकास्ट में सागठन ने कहा था कि, "उन्हें उम्मीद है कि कुछ महीनों के अंतराल में इसका उपयोग पहली बार किया जाएगा। स्विट्ज़रलैंड में इसके इस्तेमाल में भी कोई कानूनी बाधा नहीं है।" वहाँ 64 साल की एक महिला ने अपने लिए हाइपोक्सिया के जरिए इच्छामृत्यु चुनी थी। बताया गया कि महिला किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। इसीलिए उसने इच्छामृत्यु अपनाई। संगठन ने कहा कि महिला की मौत शांतिपूर्ण, तुरंत और सम्मानजनक थी। मामला ज्यादा बढ़ने पर पुलिस ने का बयान भी सामने आया और जांच के जरिए हिरासत भी की गईं। वहाँ के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने भी कई लोगों के खिलाफ आत्महत्या उकसाने के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू की है।