पूर्व विधायक ज्ञानदेव से तोड़ा भाजपा ने नाता, आहूजा क्यों बोले कटा लेंगे मूंछ

 पूर्व विधायक ज्ञानदेव को भाजपा ने दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, आहूजा बोले- आरोप साबित हुए तो कटवा लूंगा मूंछ

Gyan Dev Ahuja

 

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से  बाहर का रास्ता दिखा दिया है। भाजपा की ओर से ज्ञानदेव आहूजा की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई है। पार्टी की ओर से यह कदम तब उठाया गया जब अनुशासन समिति की जांच में वह दोषी पाए गए। हालांकि अपनी विवादित बयान बाजी और अपनी बड़ी-बड़ी मूंछों को लेकर चर्चा में रहने वाले आहूजा ने मूंछ कटवाने की चुनौती दे डाली है। आहूजा ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं अगर उनमें जरा भी सच्चाई हुई तो वह अपनी मूंछ कटवा लेंगे। इतना ही नहीं ज्ञानदेव आहूजा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं पर मानहानि का आरोप लगाते हुए केस करने की बात कह डाली। हालांकि ज्ञानदेप आहूजा को पार्टी से पहले ही निलंबित किया जा चुका था। और अब आरोप साबित होने के बाद ज्ञानदेप आहूजा की प्राथमिक सदस्यता को समाप्त किया गया है।

पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा की भाजपा ने की प्राथमिकी की सदस्यता खत्म 
पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के राम मंदिर में जाने के बाद मंदिर में गंगाजल के छिड़काव कर विवादों में आए थे उसके बाद भाजपा ने आहूजा पर पड़ा एक्शन लिया है। यह विवाद जैसे ही सामने आया था तो पार्टी ने आहूजा को निष्कासित करते हुए कारण बताओं नोटिस जारी किया था। इस पूरे मामले की जांच अनुशासन कमेटी को सौंप गई थी। अनुशासन कमेटी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को सौंप दी थी। जिसके आधार पर ज्ञानदीप आहूजा की भाजपा से प्राथमिक सदस्यता खत्म की गई है। दरअसल, यह पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब अलवर में अयोध्या की तर्ज पर बने राममंदिर का लोकार्पण हुआ और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली दर्शन करने मंदिर पहुंचे। इसके बाद ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर में गंगाजल का छिड़काव किया था। मंदिर शुद्धिकरण के बाद आहूजा ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में पवित्र भूमि पूजन समारोह का बहिष्कार किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके इस कृत्य में कोई दलित पहलू नहीं था।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आहूजा के कृत्य को एक दलित का अपमान करार दिया था।

कांग्रेस नेता जूली के मंदिर दर्शन के बाद आहूजा ने छिड़का था गंगाजल
ज्ञानदेव आहूजा ने इस पूरे मामले में कहा है कि यदि थोड़ी भी सच्चाई सामने आती है तो वह अपनी मूंछ कटा लेंगे। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित प्रमुख नेताओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के दुष्प्रचार में आकर उन्हें निलंबित करने की गलती की है। आहूजा ने कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए था कि क्या भाषण दिया और उन्होंने किसके खिलाफ भाषण दिया इसके बजाय सीधा निलंबित कर गलत किया है। आहूजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए हैं चाहे अयोध्या में भगवान राम की जन्म भूमि का मामला हो या फिर रामसेतु का मुद्दा। आहूजा ने कहा कि उनका बयान कांग्रेस की नीति के खिलाफ था। उनका बयान कांग्रेस नेताओं के खिलाफ था दलितों के खिलाफ नहीं। कांग्रेस राम को नहीं मानती। इसलिए चार दिन पहले ही घोषणा कर उन्होंने कांग्रेस नेताओं के राम मंदिर आने पर विरोध की बात कही थी।