विधानसभा में एक बार फिर नथी का बड़ा की गुंज सुनाई दी। कांग्रेस सरकार के दौरान अक्सर यह शब्द सुनाई देता था। जब रीट के पेपर में धांधली का मामला सामने आया था तब सोशल मीडिया पर यह शब्द खुब वायरल हुआ था। और अब एक बार फिर इसकी गूंज सुनाई दी। अनुदान मांगों पर बहस के जवाब के दौरान सहकारिता मंत्री गौतम दक ने नाथी के बाड़े का जिक्र किया। इस दौरान सहकारिता विभाग की 18 अरब 48 करोड़ 27 लाख 97 हजार रुपए की अनुदान मांगों को ध्वनि मत से पारित करवाया गया। गौतम दक ने कहा कि सहकारिता में खाली पदों को भरने के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित कर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
मंत्री गौतम दक ने साधा भाजपा पर निशाना
इस दौरान मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा की आपकी सरकार के समय में तो पेपर लीक हुए थे और नथी का बाड़ा जैसी बातें हुई थी लेकिन हम युवाओं को रोजगार देंगे। दरअसल 'नाथी का बाड़ा' वाक्य का इस्तेमाल सबसे पहले पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने किया था। ' इसके बाद रीट पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद भाजयूमो के पदाधिकारियों ने डोटासरा के निजी और सरकारी आवास पर काले रंग से "नाथी का बाड़ा" वाक्य लिख दिया था। रीट पेपर लीक मामले के दौरान 'नाथी के बाड़े' की काफी गूंज रही थी। और आज फिर से यह गूंज विधानसभा में सुनाई दी।
गौतम दक ने कहा किसानों की समृद्धि से ही राष्ट्र की प्रगति संभव
सहकारिता मंत्री गौतम दक ने कहा कि किसानों की समृद्धि से ही राष्ट्र की प्रगति संभव है। मंत्री ने कहा कि राज्य की सहकारी समितियां में पारदर्शिता के लिए प्रभावी कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसके साथी घोटाले में लिफ्ट कार्मिकों पर कार्रवाई भी की जा रही है। दक ने कहा कि सहकारिता के व्यापक महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया गया है, साथ ही भारत के सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए 'सहकार से समृद्धि' कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसे सफल बनाने के लिए सभी का साथ अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई बजट घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं। सहकारी समितियां आज बहुउद्देशीय लक्ष्यों की ओर अग्रसर है। राज्य में विभिन्न प्रकार की 42352 सहकारी समितियां मौजूद है जिनमें करोड़ों लोग सदस्य हैं। राज्य सरकार अधिक से अधिक पशुपालकों को योजनाओं से लाभान्वित करने का प्रयास करेगी। वहीं सहकारिता और खाद्य विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक शिमला देवी नायक ने कहा था की किसान को आज भी उसकी फसल का सही मूल्य नहीं मिलता।किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून नहीं बना। केंद्र में आज तो डबल इंजन की सरकार है, लगभग 700 किसान शहीद हुए थे, आज भी हमारा किसान जगजीत सिंह मरणासन्न है।
विधानसभा में पेपर लीक मामले को लेकर जमकर बरसे मंत्री गौतम दक
खाद्य और सहकारिता के अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने कहा- खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने का पोर्टल खोला, लेकिन कई पाबंदियां लगा दीं। एक लाख सालाना आय वाले का नाम काट दिया। एक मजदूर भी दिन में 300 रुपए कमाता है, साल में उसकी आय एक लाख आठ हजार से ज्यादा हो जाती है, फिर तो वो मजदूर ही पात्र नहीं रहा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे कुशल प्रबंधन से किसानों के बीमा प्रीमियम में कमी आई है, जिसका सीधा लाभ किसान भाइयों को हुआ है। वर्ष 2023-24 में किसानों पर डाले गए अतिरिक्त वित्तीय भार की जांच करवाई जा रही है, जिसके बाद संलिप्तता पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएंगी ।उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने वर्ष 2024-25 में मूंग, मूंगफली और सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर ऐतिहासिक खरीद की है।