गठबंधन की चर्चाओं पर लगा ब्रेक
राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है। राजस्थान की 7 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजस्थान में हल्की ठंड की सुगबुगाहट के साथ ही विधानसभा उपचुनाव के सियासी गर्माहट बढ़ती जा रही है। उदयपुर जिले की सलूंबर सीट और बांसवाड़ा जिले की चौरासी सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही गठबंधन की खबरों पर भी ब्रेक लग गया है। लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस और बाप ने मिलकर चुनाव लड़ा था। और इस दौरान गठबंधन की जीत हुई थी। चौरासी विधानसभा सीट पर सभी की नजर टिकी हुई है। क्या इस सीट पर राजकुमार रोत बाप पार्टी को जीत दिला पाएंगे।
बाप ने मैदान में उतारे प्रत्याशी
भारत आदिवासी पार्टी बीएपी ने सलूंबर विधानसभा उपचुनावों के लिए सबसे पहले अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है. बीएपी ने एक बार फिर जितेश कटारा को कैंडिडेट बनाया है. जितेश 2023 विधानसभा चुनाव में हार गए थे पार्टी ने उन्हें 2023 विधानसभा चुनावों में भी मैदान में उतारा था. विधानसभा चुनाव में उस समय उन्हें 51 हजार वोट मिले थे और तीसरे स्थान पर रहे थे. बीएपी ने एक बार फिर उन्हीं पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. सलूंबर विधानसभा सीट भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद खाली हुई है. सलूंबर विधानसभा सीट पर भाजपा के अमृतलाल मीणा को 80 हजार 86 वोट मिले थे और जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के रघुवीर मीणा को 65 हजार 395 वोट मिले थे। बांसवाड़ जिले की चौरासी विधानसभा सीट से बाप ने अनिल कटारा को चुनावी मैदान में उतारा है।
बाप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- ‘राजस्थान उप-चुनाव विधानसभा चौरासी की जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत कराई गई वोटिंग की गिनती की गई जिसमें अनिल कटारा को सर्वाधिक मत मिले।
अनिल अभी जिला परिषद सदस्य हैं. वे राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट से चुनाव लड़ेंगे।अनिल कटारा आदिवासी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता है।
चौरासी विधानसभा सीट राजकुमार रोत के सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई थी। आदिवासी बाहुल्य इस सीट को बाप पार्टी का गढ़ माना जाता है। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस यहां सेंध लगाने की कोशिश में रहेगी। माना जा रहा है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।
क्या चौरासी सीट पर फिर से होगा बाप का कब्जा!
पिछले चुनावी आंकड़ों की बात करें तो 2013 में बीजेपी के सुशील कटारा ने जीत दर्ज की। 2018 में भारतीय ट्राइबल पार्टी के राजकुमार रोत इस सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। बाद में राजकुमार रोत ने भारत आदिवासी पार्टी बना ली और 2023 के चुनाव में फिर से जीतकर विधायक चुने गए। लेकिन, अब उनके सांसद बन जाने से इस सीट पर उपचुनाव हो रहे है।
सलूंबर सीट की बात करें तो यहां से 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के अमृतलाल मीणा ने कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा को हराकर जीत अपने नाम की थी। वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार जितेश कटरा तीसरे नंबर पर रहे थे। अमृतलाल मीणा के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई।
लोकसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बाप ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर गठबंधन कर चुनाव लड़ा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि विधानसभा उपचुनाव में सलूंबर और चौरासी सीट पर कांग्रेस और बाप (BAP) गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। लेकिन भारतीय आदिवासी पार्टी ने सलूंबर और चौरासी से टिकट देने के बाद चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।