इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है सरकार
राजस्थान में भजनलाल सरकार का गहलोत राज के फैसलों और योजनाओं को बदलने का सिलसिला अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गहलोत राज में बने 9 जिलों और 3 संभागों में को रद्द करने के बाद अब सरकार प्रदेश में बने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर रही है। दरअसल राजस्थान सरकार द्वारा महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी का नेतृत्व प्रदेश के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा करेंगे। इस कमेटी के गठन के बाद प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। इसी के साथ अब प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है।कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर अब भजनलाल सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
BJP के इस फैसले को लेकर कांग्रेस करेगी जन आंदोलन: डोटासरा
पीसीसी चीफ और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट x पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें। डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रूपांतरण की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का निर्णय दर्शाता है कि इनका विजन प्रदेश को पीछे धकेलने और निजी अंग्रेजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने का है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे। जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा गठित समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एवं पूर्वाग्रही प्रतीत होती है। चार सदस्यीय कमेटी में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, कमेटी में सिर्फ सरकार के मंत्री हैं। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा में क्रांतिकारी निर्णय करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले। आज प्रदेश में 3700 से ज्यादा सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हर वर्ग के लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी निर्णय किया तो ईंट से ईंट बजा देंगे, कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी।
सरकार का यह फैसला प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने की साजिश: कांग्रेस
डोटासरा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान दिया कि ऐसा लगता है जैसे भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूली शिक्षा को बर्बाद करने का संकल्प कर लिया है। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों के नामांकन में लाखों विद्यार्थियों की कमी हुई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी बयान दिया है, उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने की एक साजिश है और गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा से वंचित करने का एक हथकंडा है।
उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में हुआ चार सदस्यीय कमेटी का गठन
भजनलाल सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसमें उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को कमेटी का संयोजक बनाया गया है। वही पर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। आपको बता दें कि इससे पहले 28 दिसंबर को भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बने 9 जिलों और 3 संभागों को भी रद्द कर दिया था, जिसके बाद से ही लगातार विपक्ष हमलावर हो रहा है। और अब सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम से हटाने को लेकर भी प्रदेश की विपक्षी सरकार हल्ला बोल अभियान में जुट गई है। जिसको लेकर प्रदेशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।