जिले रद्द करने पर भाजपा कांग्रेस हुई आमने-सामने, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर पलटवार 

जिले रद्द करने पर सियासत तेज, भाजपा नेताओं ने किया कांग्रेस पर हमला

rajender rathore

 

राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा नए जिलों को खत्म करने के बाद से प्रदेश में राजनीति तेज़ हो गई है। विपक्ष जमकर सरकार की आलोचना कर रहा है। गहलोत सरकार के राज में बनाए गए जिलों में से 9 जिलों को भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही गहलोत सरकार के राज में तीन संभाग भी बनाए गए थे जिसे भी निरस्त कर दिया गया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है।राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली लगातार भाजपा पर हमलावर है। लेकिन अब पलटवार करने के लिए भाजपा के नेता और मंत्री के साथ-साथ विधायक भी उतर आए हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भजन लाल सरकार के काम विपक्ष को नहीं पच रहे, इसलिए कांग्रेस के नेता अनर्गल बयान दे रहे हैं। विपक्ष को जनभावनाओं से खेलना बंद कर देना चाहिए। 

राजस्थान में जिलों को लेकर सियासत जारी 
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कांग्रेस राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए जन भावनाओं से खेलना बंद करें। राठौर ने कहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार के काम कांग्रेस को पच नहीं रहे हैं। सरकार के बेहतरीन काम के बाद में अब कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा इसलिए यह मुद्दा तलाश में लगे हुए हैं। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने रामलुभाया कमेटी की अभिशंषाओं को दरकिनार किया था। और आनंद-पणन में 17 जिले बनाए थे। इनमें न ही आवश्यक वित्तीय प्रावधान किया गया ना ही कोई दूरियां देखी गई बस चुनावी वैतरणी पार करने के लिए एक के बाद एक जिलों की घोषणा कर दी। भजनलाल सरकार ने विशेषज्ञ समिति और उप मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया। इसके बाद ही 9 जिलों को निरस्त किया गया है। 

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों पर बोला हमला
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कुछ भी बयान दे रहे हैं। जब कांग्रेस सरकार के राज में जिले बनाने की चर्चा हुई तब अपना दिमाग नहीं लगाया। और ना ही किसी एक्सपर्ट से राय ली गई। केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए एक-एक विधानसभा क्षेत्र का जिला बना दिया गया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्सपर्ट से राय ली। उसके बाद ही नए जिलों पर फैसला लिया गया है। कांग्रेस को यह लग रहा है कि अगले 100 साल तक तो शायद कांग्रेस वापस नहीं आ पाएगी इसलिए जिस तरह से पानी से बाहर निकालने के बाद मछली तड़पती है। उसी तरीके से डोटासरा भी तड़प रहे है। डोटासरा तड़प रहे हैं कि कैसे माल खाएं, कैसे भ्रष्टाचार करें इनसे कुछ हो ही नहीं रहा है।
पूर्व लोकसभा सांसद और भाजपा नेता स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। सीकर में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं की ओर से राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि नए जिलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया। उस समिति के सुझावों के आधार पर ही राज्य सरकार ने उचित निर्णय लिया है। सुमेधानंद ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा की। उन्होंने इस संदर्भ में रामलुभाया समिति की रिपोर्ट का ठीक प्रकार से अध्ययन तक नहीं किया। पूर्व सांसद ने कहा कि आज शेखावाटी की चिंता करने वाले कांग्रेस के नेता तब कहां गए थे जब यमुना जल बंटवारे का मुद्दा वर्षों से लंबित चल रहा था और यहां की जनता प्यासी मर रही थी।