जयपुर में 7000 रेजिडेंट डॉक्टर्स हडताल पर ।

रेजिडेंट डॉक्टरों की हडताल से बिगडे चिकित्सा हालात, 700 से अधिक ऑपरेशन टले।

Blue Bold Travel Himalayas YouTube Thumbnail (4)

जयपुर : जयपुर के रेजिडेंट डाक्टर्स की हडताल करीब 6 दिनो से चल रही है। रेजिडेंट डॉक्टर्स की हडताल पर अब आंदोलनकारियो और सरकार के बीच जोरदार ठन गई है। डाक्टर्स ने शनिवार रात आठ बजे से पूर्ण कार्य का बहिष्कार कर रखा है। जिससे अस्पतालों के हालात बिगड़ने लग गये है। हडताल की वजह से  जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल और SMS मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालो मे मरीज काफी परेशानी का सामना कर रहे है।हालंकि डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाओ पर हडताल का असर नहीं पड़ने दिया है रेजिडेंट डॉक्टर्स धरना प्रदर्शन व अपातकालिन सेवाओं पर तालमेल बनाये हुए है। रेजिडेंट डॉक्टर्स अब सरकार के साथ आर-पार की लडाई के मूड में आ गये है। गौरतलब है कि 3 दिन पहले ही राज्य के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा विभाग के आलाधिकारी व आदोलनकारी डॉक्टर्स के बीच बात-चीत हुई थी। इस वार्ता में डॉक्टर्स ने सरकार को माँगे मानने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया था लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
आइये आपको बताते है कि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की माँगे क्या है - 

डाक्टर्स का कहना है कि सभी मेडिकल कॉलेजो में पुरीं सुरक्षा व बुनियादी ढांचे की संपूर्ण व्यवस्था कि जाये। 
दुसरी मांग है कि राजस्थान में स्टाइपेंड बाकी पडोसी राज्यों की तुलना में बेहद कम है इसलिए इसको बढ़ाया जाये व समय पर इक्रीमेंट दिया जाए

तीसरी माँग है कि होम्योपैथिक व एलोपैथिक इन- सर्विस डॉक्टर्स के बीच वेतन असमानता को कम किया जाये।

चौथी , कि इन सर्विस डॉक्टरर्स जो सुपरस्पेशियलिटी डिग्री की पढाई कर रहे है उन्हे माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशनुसार सेवा लाभ व शैक्षिक अवकाश दिए जाये।

पाँचवी माँग है कि उन सभी डॉक्टर्स को HRS दिया जाये जो सरकारी आवास का विकल्प नहीं चुन रहे है।

रेजिडेट्स डाक्टर्स कि छठवि माँग है कि जिन शाखाओ में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रदान कि जाती है उनमे जूनियर विशेषज्ञों की भर्ती की जाए।

सॉतवी माँग है की सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर्स की योग्यता के  आधार पर उन्हे नौकरिया देने के लिए SMO की सीधी भर्ती की जाये।

आठवीं माँग है कि अन्यायपूर्ण अनिवार्य बॉन्ड नीति में संशोधन किया जाये व सीट छोडने की पेनल्टी और सिक्योरिटी  बॉन्ड का प्रावधान भी हटाया जाए।

रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी मांगो को लगातार नजरअंदाज कर रही है जबकि सरकार का पलटवार है कि अधिकतर मांगे अव्यावहारिक है व उन्हे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाने पर विचार किया जायेगा ... लेकिन दोनों के बीच सामाधान की कोई उम्मीद नजर नही आ रही है। इससे सरकारी अस्पतालो में चिकित्सा सेवाएं ठप हो गयी है, सर्जरी जैसे काम अटके हुए है। और इस समय तो राज्य में डेंगू ने भी हाहाकार मचाया हुआ है। इन सबके चलते मरीजों की भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। इस हडताल से मानो शहर का पुरा चिकित्सा तंत्र हिल गया है।पिछले 6 माह में तीसरी बार हो रही इस रेजिडेंट डाक्टर्स की हडताल पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खीवंसर ने नाराजगी जताई व चेतावनी देते हुए कहा कि केवल वाजिब मांगो पर ही चर्चा होगी, अन्यथा इससे सिर्फ सिस्टम का ही नहीं, खुद डाक्टर्स का भी नुक्सान होगा।राज्य प्रशासन पर भी इस पर सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है क्योकिं डॉक्टर्स ने हडताल पर  हाईकोर्ट द्वारा अवहेलना नोटिस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नही दि। इस हडताल की वजह से प्रदेश भर में 700 से अधिक ऑपरेशन टालने पडे । SMS अस्पताल मे ही मंगलवार को करीब 100 आपरेधन टालने पडे।इस पर जयपुर एसोसिएशन फॉर रेजिडेंट डाक्टर्स के मिडिया एडवाइजर डा० साकेत धाधीच ने कहा कि - हम भी काम पर लौटना चाहते है क्योकिं हम जानते है मरीजो को किस समस्या का सामना करना पड़ता है इसलिए सरकार से आग्रह है कि हमारी मांगो को गभीरता से ले लेकिन 6 दिन से चल रही 7000 रेजिडेंट डाक्टर्स की हडताल पर कोई हल नही निकला है। सरकार का कहना है कि वे बातचीत के लिए तैयार है। जबकी डॉक्टर्स की हट है जब तक माँगे पूरी नहीं होती सघर्ष जारी रहेगा |

पिछले 6 माह में तीसरी बार हो रही इस रेजिडेंट डाक्टर्स की हडताल पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खीवंसर ने नाराजगी जताई व चेतावनी देते हुए कहा कि केवल वाजिब मांगो पर ही चर्चा होगी, अन्यथा इससे सिर्फ सिस्टम का ही नहीं, खुद डाक्टर्स का भी नुक्सान होगा। 

राज्य प्रशासन पर भी इस पर सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है क्योकिं डॉक्टर्स ने हडताल पर  हाईकोर्ट द्वारा अवहेलना नोटिस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नही दि। 
इस हडताल की वजह से प्रदेश भर में 700 से अधिक ऑपरेशन टालने पडे । SMS अस्पताल मे ही मंगलवार को करीब 100 आपरेधन टालने पडे।
इस पर जयपुर एसोसिएशन फॉर रेजिडेंट डाक्टर्स के मिडिया एडवाइजर डा० साकेत धाधीच ने कहा कि - हम भी काम पर लौटना चाहते है क्योकिं हम जानते है मरीजो को किस समस्या का सामना करना पड़ता है इसलिए सरकार से आग्रह है कि हमारी मांगो को गभीरता से ले 

लेकिन 6 दिन से चल रही 7000 रेजिडेंट डाक्टर्स की हडताल पर कोई हल नही निकला है। सरकार का कहना है कि वे बातचीत के लिए तैयार है। जबकी डॉक्टर्स की हट है जब तक माँगे पूरी नहीं होती सघर्ष जारी रहेगा |

[ रिपोर्ट : अनुश्री यादव ]