अमेरिका स्थित विस्कॉनासिन मेडीसन यूनिवर्सिटी में एक शोध में दावा करा गया है कि आने वाले समय में पृथ्वी पर एक दिन की लंबाई 24 नहीं 25 घंटे हो जाएगी। यह शोध काफी सवाल खड़े करता है जिनकी गुत्थी कुछ ज्यादा ही वैज्ञानिक है।
विज्ञान : बचपन से किताबों ने हमें सिखाया है कि पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे लंबा होता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने के लिए 24 घंटों का समय लेती है और इसी आधार पर हमारे गृह पर एक दिन 24 घंटे लंबा होता है। अपनी धुरी पर घूमने की पृथ्वी की इस गति को चाँद जैसे ही काफी सारे खगोलीय पिंड प्रभावित करते हैं। अब विस्कॉनासिन मेडीसन यूनिवर्सिटी की एक शोध में सामने आया है कि अब से लगभग 200 मिलियन वर्षों बाद चाँद के कारण पृथ्वी पर एक दिन 25 घंटे लंबा होगा। दरअसल, चाँद के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी पर टाइडल उभार पैदा होता है जिसके कारण पृथ्वी की गति पर प्रभाव पड़ता है। विज्ञान कहता है कि चाँद प्रतिवर्ष पृथ्वी से लगभग 3.8 सेन्टमीटर दूर होता जा रहा है। इसके कारण पृथ्वी की गति कम होती है और नतीजतन एक चक्कर पूरा करने के लिए पृथ्वी का लगने वाला यह समय भी धीरे-धीरे बढ़ जाता है।
कभी 18 घंटे लंबा था एक दिन
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के साइंटिफिक जर्नल ऑफ प्रोसीडिंग में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार आज से लगभग 1.4 बिलियन साल पहले पृथ्वी पर एक दिन की लंबाई 18 घंटे ही हुआ करती थी। मगर फिर जैसे-जैसे चाँद पृथ्वी से दूर होता गया यह समय भी बढ़ गया। पृथ्वी पर पड़ने वाले चाँद के इस प्रभाव को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने आज से लगभग 90 मिलियन साल पहले बने चाँद के टुकड़े पर अध्ययन करा। वर्तमान समय में चाँद की पृथ्वी से दूरी 3,84,400 किलोमीटर है और लगभग 27.3 दिनों में चाँद पृथ्वी के चारों ओर अपना एक चक्कर पूरा करता है। यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर स्टीफन मायर्स के अनुसार जैसे जैसे चाँद और पृथ्वी के बीच की दूरी बढ़ती जाती है वैसे ही पृथ्वी किसी स्पिनिंग स्केटर की तरह अपनी बाहें फैलाकर धीमी हो जाती है। आज से लगभग 1.5 अरब साल पहले चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी इतनी कम रही होगी कि पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति ने चाँद को टुकड़े टुकड़े कर दिया होगा। मगर हम जानते हैं कि चाँद की उम्र लगभग 4.5 बिलियन वर्ष है। इसी कारण से इस सिद्धांत की सत्यता पर काफी सवाल उठते रहते हैं।
क्यों होता है चाँद पृथ्वी से दूर?
चाँद के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी पर दो तरह के ज्वारीय उभार पैदा होते हैं। इनमें से एक चाँद की ओर तो दूसरा उसके विपरीत दिशा में बनता है। इन ज्वारीय प्रभावों के कारण चाँद पर गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पैदा होता है। जिससे उत्पन्न होने वाला टॉर्क पृथ्वी की घूर्णन गति को कम करने के साथ ही चाँद को कोणीय मोमेन्टम भी प्रदान करता है। यह कोणीय मोमेन्टम चाँद की कक्षा में वृद्धि करता है जिसके कारण पृथ्वी से उसकी दूरी बढ़ती जाती है। दिन के कुल घंटों में बढ़त का असर ना केवल पृथ्वी के तकनीकी बल्कि तापमान जैसे प्राकृतिक आयामों पर भी पड़ेगा।