एक कहावत आपने जरूर सुनीं होगी जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है। और राजस्थान विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही हुआ कांग्रेस विधायक ने इस घी को निकालने के लिए जब अपनी उंगली टेढ़ी की तो भाजपा सरकार के मंत्री इस घी में फंसते चले गए। 5 लीटर घी के लिए पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गया। दोनों के बीच तीखी बहस हुई। लेकिन उसके बावजूद भी यह पता नहीं चल पाया कि कितना घी मिला और कितना नहीं। 5 लीटर देसी घी को लेकर विधानसभा में अजीब बहस हुई। जहां कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने भाजपा सरकार को उनके घोषणा पत्र की याद दिलाई। दरअसल सत्ता में आने से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में दावा किया था कि वह सत्ता में आएंगे तो प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को 5 लीटर देसी घी दिया जाएगा। इस पर कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने सरकार से महिलाओं को कितना घी दिया गया इसका डांटा मांग लिया। जवाब देने के लिए खड़े हुए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने यह तो कह दिया कि घी मिल रहा है लेकिन वह आंकड़े नहीं बता पाए। इसके बाद में इस 5 लीटर घी पर पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने हो गया।
कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने दिलाई भाजपा सरकार को घोषणा पत्र की याद
दरअसल विधानसभा में विधायक मनीष यादव ने सवाल किया कि सरकार ने संकल्प पत्र में प्रत्येक गर्भवती महिला को 5 लीटर देसी घी देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कई महिलाओं को यह लाभ नहीं मिला। संकल्प पत्र के 80 प्रतिशत वादे पूरे करने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक गर्भवती महिलाओं को 5 लीटर देसी घी नहीं मिल रहा है। इस पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया कि प्रदेश के 6 जिलों- झुंझुनूं, जैसलमेर, टोंक, धौलपुर, बांसवाड़ा और बारां में BPL परिवारों की पहली डिलीवरी पर 3 लीटर घी दिया जा रहा है। डिलीवरी के बाद 2 लीटर और दिया जाता है। अन्य जिलों में BPL और जनजातीय गर्भवती महिलाओं को सरस का कूपन देकर 5 लीटर घी दिया जाता है उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कार्यकाल में अभी साढ़े तीन साल बाकी हैं और इस योजना को अधिक व्यापक बनाया जाएगा। वहीं, विधायक मनीष यादव और टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में गुमराह कर रही है और अभी तक सभी लाभार्थियों को यह सुविधा नहीं मिली।
कांग्रेस विधायक ने भाजपा सरकार से पूछा महिलाओं को कब देंगे 5 लीटर घी
5 लीटर घी को लेकर कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने सरकार से तीखे सवाल किए। जिसके बात नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी विधायक मनीष यादव के साथ सरकार को घेरा उन्होंने कहा कि लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि 5 लीटर घी उपलब्ध कराने की घोषणा की क्रियान्विति प्रक्रिया में है। मंत्री यह जवाब क्यों नहीं दे रहे कि यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी। इसके बाद में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि घोषणा पत्र में घोषणा पूरी करने के लिए कोई तिथि नहीं लिखी होती है। अभी सरकार को डेढ़ साल का समय हुआ है साढ़े तीन साल बाकी है। एक साथ घी देने के स्थान पर अलग अलग फेज वाइज घी देने के प्रयास किए जाएंगे। घी पर बहस के दौरान विपक्ष के नेताओं ने कहा कि साढे तीन साल तक कौन मंत्री रहेगा और कौन मुख्यमंत्री इसकी गारंटी कौन ले रहा है। विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार आला कमान की पर्ची से बनी है। अगली पर्ची कब आ जाए किसी को नहीं पता।