दिल्ली में सर्दियों का मौसम नजदीक आने से आतिशी सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ पूरी तैयारी कर ली हैं। सरकार ने इस बार पराली जलाने और वाहन प्रदूषण के खिलाफ भी बेहतर योजना निर्माण और लागुय करने पर गौर किया है।
दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में सर्दियों के आने से पहले ही प्रदूषण छाने लग गया है। पहले की ही तरह दिल्ली की आप सरकार इस बार भी बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए ओड-ईवन फार्मूला लागू करने पर विचार कर रही है। दिल्ली के एक्यूआई स्तर के 450 के पार जाते ही इसे लागू किया जाएगा। कृत्रिम वर्षा भी की जाएगी।
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी। इस व्यक्त दिल्ली के तमाम इलाकों में पीएम स्तर 150 से 200 के बीच बना हुआ है। सरकार ने इसस बार प्रदूषण के रोकथाम के लिए 21 सूत्रीय प्लान बनाया है। पिछले साल ये योजना केवल 14 सूत्रीय थी। इनमें दिल्ली के हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी करना, स्पेशल टास्क फोर्स बनाना और एंटी डस्ट पॉल्यूशन ड्राइव चलाना मुख्य हैं।
पहले के मुकाबले सुधरे हैं हालात
गोपाल राय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के प्रदूषण स्तरों में कमी आई है। 2016 में करीब 243 खराब दिन थे जो कि 2023 में घटकर केवल 159 ही रह गए। इन खराब दिनों में 34 प्रतिशत की कमी जनता के सामूहिक प्रयासों का असर है। प्रदूषण के खिलाफ इस जंग के लिए सरकार ने समय-समय पर ये दस ऐतिहासिक कदम उठाए थे। इसमें ग्रीन ज़ोन बनाना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों को इलेक्ट्रिक कर देना मुख्य थे। इसके अलावा हॉटस्पॉट मॉनिटरिंग, इलैक्ट्रिक पोलिसी लागू करना, इंडस्ट्री इकाइयों को शिफ्ट करना, बिजली कटौती कम करना, थर्मल पावर प्लांट बंद करना, और केंद्र के सहयोग से ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल पाना मुख्य थे।
पटाखे प्रतिबंधित, वर्क फर्म होम को प्रोत्साहन
दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी एक बड़ी वजह पराली जलाना है। इसे रोकने के लिए दिल्ली के 5000 एकड़ क्षेत्र में डिकमपोसट डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि, "ग्रीन रुम का निर्माण करेंगे। 80000 शिकायतें हमें मिली थी। 81% का निदान किया। रियल टाइम सोर्स मॉनिटरिंग की जाएगी। ई-वेस्ट के प्रदूषण को नियंत्रित करेंगे। दिल्ली में पटाखों पर इस साल भी प्रतिबंध रहेगा। पिछली बार एक कंट्रोवर्सी आई थी। आज के दिन पटाखे पर प्रतिबंध नहीं है। राजपत्र जारी होने से लेकर 1 जनवरी 2025 तक पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। LG साहब को भेजा है। दिल्ली के अंदर सीएक्यूएम द्वारा निर्धारित जीआरएपी को सख्ती से लागू करेंगे। हम दिल्ली में तो करते हैं लेकिन आसपास के लोग नहीं करते। ओपन बर्निंग को रोकने के लिए 588 लोगों की टीम काम करेगी। सरकारी और प्राइवेट दोनों जगहों पर वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहित करेंगे। लोगों को स्वैच्छिक वाहनों के त्याग के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ईवन ऑड लागू करेंगे।"
हरित रत्न अवॉर्ड देगी सरकार
इस बार दिल्ली सरकार ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रदूषण के खिलाफ इस जंग से जोड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है,। दिल्ली की जो भी एजेंसी या अधिकारी बेहतरीन प्रदर्शन करेगा सरकार उसे हरित रत्न पुरस्कार से सम्मानित करेगी। इसी के साथ सरकार ने जनता के साथ मिलकर काम करने के प्रतिज्ञा भी ली है। वहीं वे अधिकारी या एजेंसी जो नेगटिव परफॉरमेंस करेंगे उन्हें दंडित किया जाएगा। दिल्ली में हरित कलश यात्राएं निकाली जाएंगी जिसमें महिलायें भी शामिल रहेंगी।
दुनिया की हर पहल दिल्ली में करेंगे लागू
गोपाल राय ने कहा कि जरूरत पड़ने पर कृत्रिम वर्षा भी कराई जाएगी। केंद्र को पत्र लिखा है। हम सभी विभागों के साथ अच्छे कॉर्डिनेशन के साथ काम करेंगे। हमने कांग्रेस और भाजपा के लोगों को भी सहयोग के लिए चिठ्ठी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि, "हमें उम्मीद है कि अगले साल तक प्रदूषण को 40% तक कम करने की कोशिश करेंगे। दुनिया के अंदर जो भी नई पहल की जा रही है दिल्ली में सबकुछ लागू करेंगे। हम हर पहल को दिल्ली में करेंगे। कृत्रिम बारिश दिल्ली में 1 से 15 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश कराने की जरूरत पड़ सकती है। 25 अक्टूबर से ही पराली जलाने की घटनाएं होती हैं। 2 बार दीपावली के बाद बारिश हुई और प्रदूषण कम हुआ तो वही हमारी कोशिश है। पराली को जलाने से रोकने के लिए हम दिल्ली में छिड़काव कराएंगे। हमने पंजाब के मुख्यमंत्री से भी बात की है। अन्य सरकारों के अधिकारियों और मंत्रियों से भी बात करने की जरूरत है।"
क्या है दिल्ली सरकार का ओड ईवन फार्मूला?
दरअसल पीछे कुछ वर्षों से दिल्ली सरकार सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तरों में कमी लाने के लिए ओड-ईवन फार्मूला लागू करती आई है। इसके तहत दिल्ली में एक दिन केवल ओड नंबर की गाड़ियों को ही चलने की इजजात दी जाती है। जबकि अगले दिन केवल ईवें नंबर की गाड़ियां ही सड़क पर निकलती हैं। ऐसा कर सरकार की मंशा दिल्ली के लोगों को सार्वजनिक यातायात के वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना होती है। जिससे प्रदूषण के स्तरों में कमी लाई जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य जनता के निजी वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम से कम स्तर तक सिनमित करना होता है।