देशभर में रेज़िडन्ट डॉक्टरों की हड़ताल, ओपीडी बंद, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

देश भर में रेज़िडन्ट डॉक्टरों की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शनिवार को महिला ट्रैनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के गिरोध में चल रही रेज़िडन्ट डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। 

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ट्रैनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आज देश भर के रेज़िडन्ट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। देशव्यापी संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने देश के सभी सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) से हड़ताल का ऐलान किया है। एफओआरडीए ने इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सूचित कर दिया है। 
हड़ताल का प्रभाव देश के बड़े शहरों में भी देखा जा सकता है। तीन दिन से चल रही इस हड़ताल का हिस्सा रहते हुए भी अभी तक रेज़िडन्ट डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे थे मगर आज उन्होंने यह भी बंद कर दिया है। सरकारी अस्पतालों में  ओपीडी, सर्जरी और लैब का काम रेज़िडन्ट डॉक्टर ही करते हैं। ऐसे में देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर हड़ताल का व्यापक असर पड़ रहा है। शनिवार को दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही और डॉक्टरों के लिए सुरक्षित वातावरण की मांग करते हुए कैंडल मार्च भी निकाला था। देश के अधिकतर अस्पतालों में यह हड़ताल केवल रेज़िडन्ट डॉक्टरों तक ही सीमित रहेगी। सभी सीनियर डॉक्टर या कंसलटेंट डॉक्टर मरीजों को देखेंगे। हड़ताल के कारण कई अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं मगर इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। कोलकाता के जिस अस्पताल में यह घटना हुई उसके प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। घटना के बाद से ही विरोध कर रहे रेज़िडन्ट डॉक्टर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 

बंगाल सबसे ज्यादा प्रभावित 

देश भर में चल रही हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाओं पर हो रहा है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जहां यह घटना हुई थी) के एक प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने बताया कि हम अपने सहकर्मी की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। हम वर्तमान पुलिस जांच से असंतुष्ट हैं और पूर्ण न्याय ना मिलने तक अपना विरोध जारी रखेंगे। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर ट्रैनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के लिए एक निष्पक्ष जांच समिति गठित करने की मांग करी है। फोरम ने राज्य के सभी अस्पतालों में कार्यरत हजारों चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और दोषियों को मृत्युदंड देने की भी मांग की है।

ओपीडी में नहीं देखे जा रहे नए मरीज 
    
फोर्डा और एमएएमसी आरडीए के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने बताया कि पश्चिम बंगाल में ट्रैनी डॉक्टर के साथ हुई घटना बेहद दुखद और शर्मनाक है। हम इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग करते हैं। अभी इमरजेंसी सेवाओं को बंद नहीं किया गया है। ओपीडी में सभी सीनियर डॉक्टर पुराने मरीजों को देख रहे हैं। अभी के लिए नई पर्चियाँ नहीं बनाई जा रही हैं। आज ओपीडी में कोई भी रेज़िडन्ट डॉक्टर मरीज को नहीं देख रहा है। 

सीबीआई जांच की उठ रही मांग 

घटना के बाद से ही लगातार मामले की सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। रेज़िडन्ट डॉक्टरों और विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि हम पुलिस जांच से खुश नहीं है। मामले की तह तक जाने के लिए यह जांच सीबीआई द्वारा करी जानी चाहिए। भविष्य में ऐसे मामले ना हों इसलिए जरूरी है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और पीड़ित को इंसाफ मिले।