सेना अधिकारी बोले- रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वाह तक कहीं भी कर सकते हैं स्ट्राइक

भारत की रेंज में है पूरा पाकिस्तान,सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का बयान

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वायु सेना रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत के पास ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की शस्त्रागार क्षमता है। भारत के पास इतनी ताकत है कि वह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकता है। ANI से बातचीत में एयर डिफेंस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान ने कहा- चाहे पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर खैबर पख्तूनख्वाह तक कहीं और क्यों न ले जाए, वह हमारी रेंज में ही रहेगा।

इधर, इजराइल में भारत के राजदूत जेपी सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ रोका गया है। उन्होंने पाकिस्तान से मांग की कि हाफिज सईद, सज्जाद मीर और जकीउर रहमान लखवी जैसे बड़े आतंकियों को भारत को सौंपा जाए।उन्होंने कहा- हमने पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया। भारत अब नई रणनीति पर काम कर रहा है, जहां भी आतंकी होंगे, हम हमला करेंगे और उनके ठिकाने तबाह करेंगे।उधर, भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ हमारे स्वदेशी हथियार बेहद कारगर रहे। आकाशतीर डिफेंस सिस्टम और L-70 एयर डिफेंस गन ने पाकिस्तान के हर ड्रोन और मिसाइल को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने ये हमले 9-10 मई को किए थे

आर्मी चीफ राजस्थान की लोंगेवाला पोस्ट सीमावर्ती इलाके में पहुंचे

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को राजस्थान के लोंगेवाला में सीमावर्ती इलाके में पहुंचे। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले जवानों की सराहना की और भारतीय वायुसेना और BSF के साथ मिलकर की गई संयुक्त कार्रवाई का रिव्यू किया।

जनरल द्विवेदी का पांच दिन में फौज की पोस्ट पर यह पांचवां दौरा था। इससे पहले वे 15 मई को बारामूला में डैगर डिवीजन की पोस्ट्स पर पहुंचे थे। इसी दिन उन्होंने श्रीनगर, उरी और ऊंची बस्सी की चौकियों का दौरा किया और सैनिकों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की बधाई दी थी।

भारतीयों को ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व- इवान डी कुन्हा

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के आक्रामक हमलों ने महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया, जिसमें उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए लोइटरिंग हथियारों का उपयोग किया गया। लंबी दूरी के ड्रोन और निर्देशित हथियारों सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। "हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।"

इवान डी कुन्हा बोले- शिशुपाल सिंद्धांत दिखाया हमने

इवान डीकुन्हा ने कहा, 'भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आधुनिक युद्ध में अपनी तैयारियों को प्रदर्शित किया, विशेष रूप से ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों को बेअसर करने में। इस ऑपरेशन ने भारत की एकीकृत कमान संरचनाओं को उजागर किया, जिससे विभिन्न सैन्य शाखाओं के बीच निर्बाध समन्वय संभव हुआ। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के "शिशुपाल सिद्धांत" को प्रतिबिंबित किया, जिसमें उकसावे की पूर्वनिर्धारित सीमा पार होने तक धैर्य रखना और उसके बाद निर्णायक कार्रवाई करना शामिल है। यह ऑपरेशन रिएक्टिव डिफेंस से प्रोएक्टिव सिक्योरिटी डॉक्टरीन में बदल गया, जिसने आतंकवाद के खिलाफ साहसिक कार्रवाई करने की भारत की अच्छा को प्रदर्शित किया।'