पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण अंचलों में बढ़ने लगी हलचल
गांवों की सरकार यानी पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण अंचलों में हलचल तेज हो गई है। सरपंचों के चुनाव को लेकर सियासी पारा भी बढ़ने लगा है। पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान केंद्रों की स्थापना और निर्वाचक नामावलियों की तैयारी के लिए प्रगणकों की नियुक्ति के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
राजस्थान में पंचायत राज चुनाव की तैयारी हुई तेज
पंचायत राज चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरपंचों के चुनाव पूर्व की तरह ही होंगे या फिर वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव करवाए जाएंगे। इस बात का निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है। लेकिन राज्य निर्वाचन ने अपनी और से तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेश जारी किए गए हैं। आयोग की ओर से मतदान केंद्र स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक बूथ पर 1100 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इसके साथ ही पूरा वार्ड एक ही बूथ पर रहेगा। निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार मतदाताओं को अलग-अलग बूथ पर नहीं बांटा जाएगा। इस दौरान मतदाताओं की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा। साथ ही मतदान बूथों की क्रम संख्या पंचायत समितिवार होगी।
राजस्थान में सरपंच चुनाव को लेकर जल्द मिल सकती है खुशखबरी
निर्वाचन आयोग की ओर से नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम भी जल्द ही जारी किया जाएगा। पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान एक जनवरी 2025 की अर्हता तिथि को ध्यान में रखा जाएगा। पंचायत की वार्ड के अनुसार सूची तैयार की जाएगी। और सूची तैयार करने के लिए प्रगणकों की आवश्यकता होगी। पिछले आम चुनाव में स्थापित किए गए मतदान केंद्रों की संख्या को आंकलन के लिए आधार बनाया गया है। चुनावों के लिए नियुक्त स्टेट लेवल की ओर से निर्मित सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतदाता सूचियों को तैयार किया जाएगा। इसके साथ आवश्यक सूचनाएं भी तैयार की जा रही है। सूचना को ई सूची पर अपलोड करने के बाद वार्डवार प्रारूप में मतदाता सूची तैयार की जाएगी।
पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश
आपको बता दें की एक प्रगणकों की नियुक्ति प्रत्येक ग्राम पंचायत के तीन या फिर चार वार्डों के लिए 1100 मतदाताओं पर होगी। इसमें प्रगणकों को एक से अधिक वार्ड आवंटित नहीं किए जाएंगे। पंचायत राज चुनाव में बूथ लेवल ऑफिसर को ही इस पद पर तैनात किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत में पद स्थापित कार्मिक को ही वार्ड का प्रगणक बनाना प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही इसमें सबसे विशेष यह होगा की किसी भी प्रगणक का राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं होगा।
2025 जनवरी में 6975 ग्राम पंचायतों, मार्च में 704 और अक्टूबर में 3847 ग्राम पंचायतों का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। अब ऐसे में यह सरकार को तय करना है की चुनाव समय पर करवाए जाते हैं या फिर वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत राजस्थान में पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों के एक साथ चुनाव करवाए जाते हैं।