बांसवाड़ा की स्कूटी योजना पर लगे ताले: वित्तीय मंजूरी का इंतज़ार

राजस्थान में स्कूटी योजना पर सवाल: 600 स्कूटियों का वितरण रुका, छात्रों का सपना अधूरा

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Edited by: Kritika

बांसवाड़ा : राजस्थान सरकार ने छात्राओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें स्कूटी वितरण की योजना भी शामिल है। हालांकि, यह वादा अब कबाड़ में तब्दील हो गया है, जिससे न केवल सरकारी धन का बर्बाद हुआ है, बल्कि छात्राओं को भी इससे कोई लाभ नहीं मिला।

योजना का उद्देश्य

राज्य सरकार ने 2021-22 में प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए "कालीबाई भील स्कूटी वितरण" और "देवनारायण योजना" के तहत स्कूटी देने की घोषणा की थी। इसके तहत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 65% और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 75% से ऊपर अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का वादा किया गया था।

स्कूटी का हाल

हालांकि, अब लगभग 600 स्कूटियां बांसवाड़ा जिले के एक महाविद्यालय परिसर में खुले आसमान के नीचे एक-डेढ़ साल से पड़ी हुई हैं। स्कूटियों के चारों ओर घास उग आई है और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। स्कूटी की सप्लाई करने वाली कंपनी ने इन्हें आवंटित कर दिया था, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है, जिसके कारण इनका वितरण नहीं किया जा सका है।

प्रशासनिक बाधाएं

कन्या महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. सरला पंड्या ने बताया कि वित्त विभाग की ओर से अभी तक क्यूआर कोड जारी नहीं हुआ है, जिससे स्कूटियों का वितरण संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जैसे ही सरकार द्वारा स्वीकृति दी जाएगी, संबंधित छात्राओं को स्कूटियां बांट दी जाएंगी।

छात्रों का लाभ

बांसवाड़ा जिले में पिछले तीन सालों में करीब 500 छात्राओं को स्कूटी का लाभ मिला है। हालांकि, 600 स्कूटियां अब बेकार हो चुकी हैं, जिससे छात्राओं को मिलने वाला यह लाभ भी प्रभावित हुआ है।इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी योजनाएं वास्तव में अपने उद्देश्यों को पूरा कर रही हैं या केवल कागजी योजनाओं तक सीमित रह गई हैं। सरकार को चाहिए कि वह ऐसी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करे, ताकि छात्राओं को उनका सही लाभ मिल सके।