Edited by : Krirtika
नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के बुरे दिन जल्द ही शुरू होने वाले हैं। आतंकवाद और आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के लिए अब परिस्थितियाँ मुश्किल होती जा रही हैं। इस बार भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा कूटनीतिक दांव चल दिया है, जो पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की आवाज अब न केवल और प्रबल हो गई है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों का समर्थन मिल रहा है।
ब्राजील और साउथ अफ्रीका का भारत को समर्थन
ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ दिया है और पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ जो रणनीति तैयार की, उसे इन दोनों देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है। ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री रोनाल्ड लामोला ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की है और यह संदेश दिया कि किसी भी रूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है।
जयशंकर का अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्वपूर्ण दांव
एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक महत्वपूर्ण पटकथा तैयार की है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात रखी। इस लड़ाई में भारत को अब न केवल ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़े देशों का समर्थन मिल रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को बल मिला है।
चीन और पाकिस्तान को संदेश
यद्यपि इन तीनों देशों ने प्रत्यक्ष रूप से चीन और पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन परोक्ष रूप से आतंकवाद पर उनकी नीतियों को गंभीर रूप से आड़े हाथों लिया गया। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समितियों की कार्यवाही में दोहरे मापदंड से बचने का आह्वान किया। इस संदर्भ में चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा गया, जो अक्सर आतंकवादियों को समर्थन देने के लिए आलोचना के केंद्र में रहे हैं।
पाकिस्तान की ब्रिक्स में सदस्यता की चुनौती
ब्रिक्स (BRICS) समूह के सदस्य देशों में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जबकि पाकिस्तान इस समूह में शामिल होने का इच्छुक है। ऐसे में, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है। यह रणनीति पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि ब्रिक्स में शामिल होने के उसके प्रयासों में अब आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीतियां आड़े आ सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भारत की कूटनीति
संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के मौके पर भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के IBSA मंच ने आतंकवाद को एक वैश्विक संकट करार दिया और इस मुद्दे पर सहमति व्यक्त की कि आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को दुनिया भर से खत्म किया जाना चाहिए। तीनों देशों के मंत्रियों ने यह भी दोहराया कि आतंकवाद को रोकने और उसके खिलाफ लड़ाई में सभी देशों की जिम्मेदारी है। इसके तहत आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवादी नेटवर्क के वित्तपोषण और उनके क्षेत्रों से आतंकवादी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति सम्मान
ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों ने यह भी जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार होनी चाहिए। खासतौर से, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए।