नवरात्रि 2024: डकैतों का देवी मंदिर, जहां डकैती से पहले मांगी जाती थी अनुमति

maadew

Edited by: Kritika

नवरात्रि 2024: डकैतों का देवी मंदिर, जहां डकैती से पहले मांगी जाती थी अनुमति

भारत में नवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में देवी मां की आराधना की जा रही है। ऐसी ही एक अनोखी कहानी राजस्थान के कोटा जिले के एक मंदिर की है, जिसे "डकैतों का मंदिर" कहा जाता है।

यह मंदिर चार सौ साल पुराना है और भड़कीया माता को समर्पित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि अतीत में डकैत यहां पूजा करने आते थे। कहा जाता है कि डकैत डकैती करने से पहले भड़कीया माता से अनुमति लेते थे। वे देवी की आराधना करते थे, और यदि डकैती सफल होती थी, तो लूट का माल देवी को भेंट करने के लिए लाते थे।

मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के निर्माण का श्रेय एक चरवाहे को जाता है। कहा जाता है कि एक बार चरवाहे के पशु चोरी हो गए थे, और देवी मां ने उसे चोर का पता बताया था। इसके बाद इस मंदिर का निर्माण कराया गया। यह स्थान डकैतों के लिए छिपने का एक सुरक्षित स्थान भी रहा। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता कठिन होने के कारण डकैत यहां आसानी से पहुंच जाते थे। आज भी मंदिर की चट्टानों पर डकैतों के पैरों के निशान मौजूद हैं। श्रद्धालु देवी को प्रसन्न करने के लिए कई-कई दिनों तक चट्टान पर खड़े होकर पूजा करते थे, जिसके कारण ये निशान बने।

नवरात्रि के दौरान बढ़ती है भीड़

मंदिर में पिछले बीस सालों से पूजा करने वाले मुकेश वैष्णव के अनुसार, इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। पहले यह मंदिर सुनसान रहा करता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान यहां भीड़ काफी बढ़ जाती है। हालांकि, मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत कठिन है, फिर भी श्रद्धालु हर साल नवरात्रि के मौके पर यहां आने के लिए उत्सुक रहते हैं।

इस प्रकार, यह डकैतों का देवी मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि इसके इतिहास और परंपराओं के कारण भी यह बेहद दिलचस्प है।