अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मैं नहीं चाहता हूं कि एप्पल के प्रोडक्ट वहां बनाएं। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एप्पल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी ट्रम्प ने गुरुवार को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा कि एप्पल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। वहीं, ट्रम्प ने कहा कि भारत ने हमें ट्रेड में जीरो टैरिफ डील की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि भारत हमसे ट्रेड में कोई चार्ज नहीं लेने को तैयार है। भारत में प्रोडक्शन कर रहे हो। मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में प्रोडक्शन करो। अगर तुम भारत का ख्याल रखना चाहते हो तो तुम भारत में निर्माण कर सकते हो क्योंकि भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देशों में से एक है। भारत में बेचना बहुत मुश्किल है और उन्होंने हमें एक डील ऑफर की है जिसके तहत वे हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। मैंने टिम से कहा, टिम, देखो, हमने तुम्हारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया है, हमने वर्षों तक चीन में तुम्हारे द्वारा बनाए गए सभी संयंत्रों को सहन किया, अब तुम्हें अमेरिका में निर्माण करना होगा, हम नहीं चाहते कि तुम भारत में निर्माण करो। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है।
एप्पल का भारत पर इतना ज्यादा फोकस क्यों
एप्पल चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड डिस्प्यूट और कोविड-19 लॉकडाउन जैसे दिक्कतों से कंपनी को लगा कि किसी एक क्षेत्र में ज्यादा निर्भर रहना ठीक नहीं है। इस लिहाज से एपल के लिए भारत एक कम जोखिम वाला ऑप्शन साबित हो रहा है। मार्च 2024 से मार्च 2025 तक एपल ने भारत में 22 बिलियन डॉलर (करीब ₹1.88 लाख करोड़) वैल्यू के आईफोन बनाए। पिछले साल की तुलना में इसमें 60% की बढ़ोतरी हुई है।इस दौरान एपल ने भारत से 17.4 बिलियन डॉलर (करीब ₹1.49 लाख करोड़) वैल्यू के आईफोन एक्सपोर्ट किए। वहीं, दुनियाभर में हर 5 में से एक आईफोन अब भारत में बन रहा है। भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु और कर्नाटक की फैक्ट्रियों में की जाती है।इसमें सबसे ज्यादा उत्पादन फॉक्सकॉन करता है। फॉक्सकॉन एपल का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर है। इसके अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन भी मैन्युफैक्चरिंग करते हैं
50% आईफोन भारत में बन रहे
एप्पल के CEO टिम कुक ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि अमेरिकी बाजार में बिकने वाले 50% आईफोन भारत में बन रहे हैं। कुक ने कहा कि भारत अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले आईफोन्स का कंट्री ऑफ ओरिजिन बन जाएगा। उन्होंने बताया कि एयरपॉड्स, एप्पल वॉच जैसे अन्य प्रोडक्ट्स भी ज्यादातर वियतनाम में बनाए जा रहे हैं। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए एप्पल काफी समय से अपनी सप्लाई चेन को वहां से बाहर शिफ्ट करने पर काम कर रही है।एप्पल अगर अपनी असेंबलिंग भारत की ओर इस साल के आखिर तक शिफ्ट कर लेती है, तो 2026 से यहां सालाना 6 करोड़ से ज्यादा आईफोन का प्रोडक्शन होगा। ये मौजूदा कैपेसिटी से दोगुना है।