मंत्री मदन दिलावर को मिली बड़ी जिम्मेदारी
राजस्थान में वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चाओं के बीच भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के लिए एक नई मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया है। राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के लिए कैबिनेट स्तर की नई सब कमेटी की जिम्मेदारी शिक्षामंत्री मदन दिलावर को सौंपी है। इस कमेटी की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री मदन दिलावर करेंगे, जबकि अन्य सदस्य के रूप में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म को शामिल किया गया है। यह कमेटी जल्द ही अपनी पहली बैठक आयोजित करेगी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और सुझावों को लिया जाएगा। इस रिपोर्ट को अंततः मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपा जाएगा।
प्रदेश में पंचायतों का होगा पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन
आपको बता दें की राजस्थान में पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के लिए प्रावधान तय कर दिए हैं। इसके लिए कांग्रेस वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना जाएगा। ग्राम पंचायत के प्रस्ताव तैयार करने के लिए न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम 5500 की जनसंख्या हो सकती है।
भजनलाल सरकार ने किया मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन
पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य पंचायत स्तर पर बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करना और ग्रामीण विकास को और अधिक प्रभावी बनाना है। राज्य सरकार पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी, इन प्रस्तावों को जनता के अवलोकन और सुझावों के लिए रखा जाएगा। इसके तहत ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया जाएगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी और जनता का प्रशासन से जुड़ाव मजबूत होगा। इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों को एक पंचायत समिति से दूसरी पंचायत समिति में स्थानांतरित किया जा सकता है। जिला कलेक्टर को इस पुनर्गठन को लागू करने के लिए अधिकार दिए जाएंगे।
जिन पंचायत समितियों में 40 या उससे अधिक ग्राम पंचायतें और 2 लाख या उससे अधिक आबादी है तो उनका पुनर्गठन किया जाएगा। पुनर्गठित और नवसृजित पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों की संख्या न्यूनतम 25 रखनी होगी। जैसे किसी पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतें हैं तो नवसृजित एक पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें और अन्य में 17 ग्राम पंचायतें होगी।
जिला कलक्टर प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनुकूल होने पर नजदीकी या किसी एक या एक से अधिक पंचायत समितियों में से 8 ग्राम पंचायतें लेकर 17 ग्राम पंचायतों वाली पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें रख सकेंगे। पुनर्गठित और नवसृजित पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों पर आपत्तियां भी ली जाएंगी।
केबिनेट सब समिति की ओर से जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रस्ताव पर चर्चा और सुझाव लिए जाएंगे। पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के इस निर्णय से राजस्थान का ग्राम विकास मॉडल और भी मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस पहल से ग्रामीण जनता को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मिलेंगी साथ ही साथ विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। कैबिनेट की ओर से जो निर्णय लिया गया है इसमें राज्य को तीन हिस्सों में बांटा गया है। सामान्य जिले, मरुस्थलीय जिले और आदिवासी बाहुल्य जिले इन तीन हिस्सों में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन आबादी के आधार पर किया जाएगा।