वित्त मंत्री दिया कुमारी ने विधानसभा में बजट पेश कर दिया है। इस पर तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है। जहां भाजपा के नेता बजट को ऐतिहासिक बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे खोखले दावों वाला बता रहा है। बजट पर कांग्रेस के नेताओं नी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बजट को केवल घोषणाओं का पुलिंदा बताया। टीकाराम जूली ने कहा इस बजट में एसेट्स मॉनिटाइजेशन का बिंदु है, जिससे साफ है कि सरकारी संपत्तियों को बेचकर खर्च चलाया जाएगा। सरकार के पास वेतन और पेंशन देने तक के पैसे नहीं हैं, फिर भी बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
टीकाराम जूली ने कहा महंगाई शब्द पूरे बजट में नहीं आया नजर
टीकाराम जूली ने कहा यह बजट केवल राजस्थान की जनता पर कर्ज का बोझ डालने वाला है। राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह फेल है यह बजट में दिख रहा है। पिछले बजट में अनुमान लगाया गया कि करीब 2 लाख 65 हजार करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां होंगी परन्तु ये लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया और 2 लाख 62 हजार 618 करोड़ रु की राजस्व प्राप्तियां ही हुईं हैं जबकि केन्द्र सरकार से पहले से ज्यादा मदद मिली है। 2024-25 में राजस्व व्यय का लक्ष्य 3,34,796 करोड़ रुपए का रखा गया परन्तु व्यय केवल 2,94,557 करोड़ ही किए गए। 2024-25 में राजस्व घाटा 25,758 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था जो लगभग 32,000 करोड़ रु पहुंच गया है। राजकोषीय घाटा भी 70,000 करोड़ के पार पहुंच गया है जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 84,643 करोड़ हो जाएगा। राजस्थान पर भाजपा सरकार में कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह सरकार पर कर्ज सवा 7 लाख करोड़ रुपए के पार हो जाएगा यानी हर राजस्थानी पर 1 लाख रुपए का कर्ज ये सरकार लादने जा रही है।
टीकाराम जूली ने साधा भाजपा पर निशाना कहा श्रेय लेने की राजनीति चरम पर
जूली ने कहा पिछली बार न तो बजट पूर्व चर्चा में और न ही बजट के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री को मुख्यमंत्री ने अपने साथ बिठाया था। इस बार बजट पूर्व चर्चा में भी वित्त मंत्री को बिठाया और बजट के बाद की प्रेस वार्ता में भी बिठाया हालांकि उन्हें बोलने नहीं दिया गया। यह दिखाता है कि भाजपा में श्रेय लेने की राजनीति चरम पर है। जूली ने कहा आमजन के सामने आज की सबसे बड़ी चुनौती महंगाई है। आज राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से हमें उम्मीद थी कि महंगाई कम करने को लेकर कोई घोषणा की जाएगी, हमारी सरकार ने बजट 2023-24 में 19,000 करोड़ का महंगाई राहत पैकेज दिया था, परन्तु आज महंगाई शब्द ही पूरे बजट में नहीं आया। पिछली बार सरकार ने 5 वर्ष की कार्ययोजना बनाकर 10 संकल्प तय किए थे। इस बार इन संकल्पों का भी कोई जिक्र बजट में नहीं किया गया।
सरकार बड़ी-बड़ी घोषणा कर आम जनता को कर रही गुमराह
टीकाराम जूली ने कहा की पिछले बजट के रिप्लाई के दौरान मुख्यमंत्री जी घोषणा पत्र की 50 प्रतिशत घोषणाएं पूरा होने की बात कही, इस बार वित्त मंत्री ने 58प्रतिशत पूरा होने की बात कही। मतलब एक साल में केवल 8 प्रतिशत वादों को ही पूरा किया गया है। पिछले बजट में सरकार ने वादा किया था कि राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स बनाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अक्टूबर 2024 में आपने बना दी। अक्टूबर से आज तक मुख्यमंत्री ने इस टास्क फोर्स की एक भी बैठक ली है क्या? ये भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। इसी कारण राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह फेल है यह बजट में दिख रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के एमओयू को लेकर कोई जिक्र नहीं किया। हमारे समय की कुछ घोषणाओं को बजट में कॉपी पेस्ट कर दिया है। किसान सम्मान निधि में किसान के साथ धोखा किया गया है। किसानों की कई फसलों की एमएसपी पर खरीद नहीं की जा रही. पशुपालकों को सब्सिडी का पैसा नहीं मिल पा रहा है। एससी एसटी के लिए सरकार ने बड़ी बड़ी घोषणाएं तो कर दी, लेकिन पिछले बजट की घोषणाएं ही धरातल पर नहीं उतर पाईं।