लेबनान में एक ही समय पर हजारों धमाके हुए हैं। धमाकों के लिए किसी बम या विमान का नहीं बल्कि मामूली से पेजरों का इस्तेमाल किया गया है। यह हमला आतंकी सागठन माने जाने वाले हिजबुल्लाह पर हुआ है।
लेबनान : ईरान समर्थित लेबनान में एक ही समय पर हुए हजारों धमाकों से हिजबुल्लाह दहशत के साये में है। पेजरों में हुए इन धमाकों से हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ है। धमाकों में अभी तक 11 लोगों की मौत हुई है। वहीं 3000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। धमाकों के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ माना जा रहा है।
बता दें कि कुछ महीनों पहले हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को 5000 पेजरों का ऑर्डर दिया था। खरीद की जानकारी मिलते ही मोसाद हरकत में आया और ऑर्डर को ट्रॅक करना शुरू कर दिया। इसके बाद डेलीवेरी से पहले ही मोसाद ने पेजरों में 3 ग्राम विस्फोटक प्लांट कर दिया। ये मात्रा इतनी कम थी कि छोटे से पेजर में आसानी से फिट हो जाए और किसी को छेड़छाड़ का शक भी ना हो। मंगलवार शाम को इन पेजरों के ट्रिगर होने के बाद एक ही समय पर हजारों पेजरों में ब्लास्ट हो गया। हमले में घायल होने वाले अधिकांश लोग हिजबुल्लाह लड़ाके हैं।
हमले में इस्तेमाल किये गए ज्यादातर पेजर एपी-924 मॉडल के हैं। विस्फोट हिजबुल्लाह के गढ़ माने जाने वाले बेरूत के दक्षिणी इलाके में हुए हैं। माना जा रहा है की विस्फोटों से ठीक पहले पेजरों में हिजबुल्लाह का कोई मैसेज आया था।
पेजर हमने नहीं बनाए : गोल्ड अपोलो संस्थापक
हमले के बाद पेजर बनाने वाली कंपनी गोल्ड अपोलो ने अपने आधिकारिक बयानों में साफ किया है कि ये पेजर उन्होंने नहीं बनाए हैं। कंपनी संस्थापक सू चिंग कुआंग ने कहा कि, "हमले के लिए जिम्मेदार पेजरों को कंपनी ने नहीं बनाया है। वो हमारा उत्पाद नहीं था। उस पर सिर्फ हमारा ब्रांड था।" एआर-924 मोडेल उत्पादन और बिक्री बैक द्वारा की जाती है। टहम सिर्फ ब्रांड ट्रैड्मार्क प्राधिकरण प्रदान करता है। उत्पाद के डिजाइन और निर्माण में हमारी कोई भागीदारी नहीं थी।
अमेरिका ने किया किसी भी तरह के हमले से इनकार
वहीं अमेरिका ने हमले में शामिल होने की सभी बातों से इनकार किया है। अमरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि, "मैं आपको बता सकता हूँ कि इन घटनाओं में अमेरिका किसी भी तरह से शामिल नहीं है। हमें हमले के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। अब हम इस मामले की जानकारी जुटा रहे हैं।"
हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगाया धमाकों का आरोप
धमाकों के बाद हिजबुल्लाह ने वीडियो जारी करते हुए इन धमाकों के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है। मामले पर इजरायल की ओर से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। और ना ही हिजबुल्लाह ने अपने आरोपों के पीछे कि वजह साफ की है। इस कारण हमला किसने और क्यों किया ये अभी तक साफ नहीं है। मगर माना जा रहा है की इन धमाकों के पीछे इजरायल का ही हाथ है।
सीरिया से भी धमाकों की खबर
सीरिया से भी पेजरों में इस तरह के धमाकों की खबर आ रही है। हालांकि सीरिया में हुए इन धमाकों के पीछे की वजह अभी साफ नहीं है। मगर माना जा रहा है कि लेबनान में फटने वाले विस्फोटक प्लांटेड पेजरों से ही ये धमाके हुए हैं। गौरतलब है की सीरिया में भी हिजबुल्लाह लड़ाके बड़ी संख्या में सक्रिय हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि संगठन के पेजरों की यह खेप वहाँ के लड़ाकों तक भी पहुंची होगी। जिस कारण सीरिया में ये धमाके हुए।
क्या होते हैं पेजर और कैसे हुआ ये विस्फोट?
वर्तमान समय में यूं तो सभी लोग संचार के लिए मोबाईल फोन और आधुनिक तकनीकों पर आश्रित हैं। मगर अभी भी हिजबुल्लाह और अन्य खुफिया संगठन अपने संचार के लिए पेजरों का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें ट्रैक करना कठिन होता है और इसी के साथ इन्हें हैक करना भी लगभग असंभव माना जाता है। माना जा रहा है कि इस हमले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इजरायल ने ताइवान से लेबनान जा रही इन पेजरों की खेप को बीच में ही रोक इनमें लगभग 3 ग्राम विस्फोटक सामग्री प्लांट की। इसके बाद उन्होंने दूर से ही इसमें कमांड की मदद से एक स्क्रिप्ट इंस्टॉल की। जिसके कारण इन पेजरों के बढ़ते तापमान से इनकी लिथीयम बैटरी में विस्फोट हुआ। एक ही समय पर हजारों पेजरों के फटने से हमला और भी खतरनाक हो गया।