Edited by: Kritika
न्यूयॉर्क. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आगामी राष्ट्रपति चुनावों के प्रचार के दौरान ईरान से जान का खतरा महसूस हो रहा है। इस खतरे के मद्देनज़र, ट्रंप ने चुनाव प्रचार के लिए अत्यधिक सुरक्षा की मांग की है, जिसमें सैन्य विमान भी शामिल हैं। ये विमान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं, ताकि किसी भी हमले की स्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप की टीम ने उनकी सुरक्षा के लिए अन्य कई उपायों की मांग की है, जिनमें उनके आवास और रैलियों के आस-पास उड़ान प्रतिबंधों का विस्तार भी शामिल है। सुरक्षा की ऐसी असाधारण मांग किसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्वारा पहली बार की गई है। ट्रंप की इस मांग को असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर चुनाव प्रचार के लिए इस तरह की सैन्य सुविधाओं का उपयोग नहीं किया जाता है।
ट्रंप के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने ट्रंप को ईरान से संभावित खतरों के बारे में सचेत किया था। चेउंग का कहना था कि ये हमले अमेरिका को अस्थिर करने और अराजकता फैलाने के इरादे से किए जा सकते हैं। ट्रंप का मानना है कि इन धमकियों के पीछे ईरान का हाथ हो सकता है, हालांकि इसके समर्थन में अब तक कोई ठोस सबूत नहीं है।
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का यह भी मानना है कि ईरान अपने सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए तत्पर है। जनरल सुलेमानी की हत्या 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में हुई थी, जब ट्रंप राष्ट्रपति थे। हालांकि, एफबीआई और अन्य खुफिया एजेंसियों ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ट्रंप पर किसी संभावित हमले के पीछे वास्तव में ईरान का हाथ है।
अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का कहना है कि ट्रंप को पहले से ही उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इस बीच, राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्हें ट्रंप के सैन्य विमान के उपयोग की मांग को स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने मजाक में कहा कि वे तब तक इस मांग को मान सकते हैं, जब तक कि ट्रंप F-15 जैसे अत्यधिक सैन्य विमानों की मांग नहीं करते हैं।
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