रतन टाटा का निधन: 86 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन

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Edited by: Kritika

नई दिल्ली : मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वह टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे और उनकी मौत के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

टाटा ग्रुप न केवल ऑटोमोबाइल, घड़ियों और जूलरी के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि रतन टाटा के नेतृत्व में इस ग्रुप ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। टाटा ग्रुप के स्कूल और कॉलेज देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शामिल हैं।

टाटा ग्रुप के प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला लेना आसान नहीं है। इसके लिए छात्रों को कठिन एंट्रेंस परीक्षा पास करनी होती है। टाटा ट्रस्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिससे देश-विदेश से छात्र इन संस्थानों में दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। टाटा स्कॉलरशिप पाने से इन संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करना आसान हो जाता है।

लड़कियों के लिए टाटा ग्रुप का पहला स्कूल

लड़कियों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 1892 में टाटा एंडोमेंट की स्थापना की गई थी। इसके तहत, टाटा ने गुजरात के नवसारी में बाई नवाजबाई टाटा गर्ल्स स्कूल की स्थापना की। यह स्कूल 160 साल से अधिक पुराना है और टाटा ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार, यह भारत में लड़कियों के लिए सबसे प्रारंभिक स्कूलों में से एक है।

इसके अलावा, टाटा ग्रुप कई अन्य शिक्षण संस्थानों का संचालन भी करता है, जैसे कि ग्लोबल मिशन स्कूल, ग्लोबल मिशन इंटरनेशनल स्कूल, लक्ष्मण ज्ञानपीठ स्कूल और शिशु मंदिर।

टाटा ग्रुप की शिक्षा के क्षेत्र में यह प्रतिबद्धता न केवल छात्रों के लिए अवसर पैदा करती है, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।