राजस्थान: विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत दी। दरअसल, नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
एकलपीठ ने जमानत याचिका की मंजूर
जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर कर ली। यह मामला नगरफोर्ट थाने में दर्ज FIR 166/24 से संबंधित है, जिसमें पुलिस ने पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि, समरावता गांव में 13 नवंबर 2024 की रात हुई हिंसा और आगजनी के मामले में उनकी जमानत याचिका पहले खारिज हो चुकी है, जिसके चलते वे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
मीणा पर 4 एफआईआर, इसलिए अभी जेल में रहेंगे
विधानसभा उप चुनाव के दौरान थप्पड़कांड, समरावता हिंसा सहित पुलिस ने 4 एफआईआर दर्ज की थी। इनमें से नरेश मीणा को दो में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने चारों एफआईआर को दो में ही शामिल कर दिया। थप्पड़कांड में नरेश को जमानत मिल गई है। समरावता हिंसा में जमानत पर सुनवाई पूरी हो गई है। अब फैसला आना शेष है। इस मामले में जमानत मिलने तक वे जेल में ही रहेंगे।
'सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है...'
पेशी के बाद कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करते हुए नरेश मीणा ने प्रशासन और न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, 'सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है. पिछले 6 महीने से जेल में सजा काट रहा हूं. मुकदमा 323/32 का बनता है, लेकिन भ्रष्ट सिस्टम की वजह से कुछ ही चल रहा है. न्याय की देवी की आंखों से पट्टी इसीलिए हटाई गई ताकि जात और धर्म देकर न्याय दिया जा सके.' इतना कहने के बाद पुलिसकर्मी ने नरेश मीणा को पुलिस बस में बैठा दिया और फौरन वहां से रवाना हो गए.