शनिवार को प्रयागराज में संविधान सम्मान सम्मेलन में शामिल होते हुए राहुल गांधी ने सभी जातियों के लिए जनगणना के मुद्दे की बात करी। इस दौरान राहुल ने अपनी दादी से जुड़े एक किस्से का भी जिक्र किया।
प्रयागराज : शनिवार को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रयागराज में संविधान सम्मान सम्मेलन में हिस्सा लिया। शाम करीब पाँच बजे प्रयागराज एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे भगवतपुर स्थित इलाहाबाद मेडिकल कन्वेन्शन सेंटर में इस सम्मेलन में शामिल हुए। राहुल गांधी का प्रयागराज में काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में देश की नीतियों को आबादी के हिसाब से बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी ओबीसी समुदाय से आती है। इसके अलावा 15 प्रतिशत दलित और आठ प्रतिशत आदिवासी आबादी मिलाकर देश की 73 प्रतिशत जनसंख्या बनाते हैं। अभी इसमें अल्पसंख्यक शामिल नहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अगर नीतियाँ देश की आबादी के हिसाब से नहीं बनाई जाती हैं तो इन्हें बनाने का कोई मतलब नहीं है। ऐसी नीतियों से जरूरतमंदों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों को केवल 30 प्रतिशत पूंजीपति आबादी के लिए बनाया गया है। इससे जरूरतमंदों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। संविधान यह कहता है कि देश का हर नागरिक समान है और सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने जाति जनगणना को अपने विज़न का पहला कदम बताया। सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने भाजपा पर भी वार किया।
सभी जातियों की हो जनगणना
राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर वार करते हुए कहा कि सरकार केवल ओबीसी वर्ग को ही जाति जनगणना में शामिल करने की बात करती है। जाति जनगणना में सिर्फ ओबीसी समुदाय का उल्लेख करना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने समाज में विभिन्न समुदायों के होने की बात करते हुए सभी की जातिगत जनगणना सूची तैयार करने की बात कही। राहुल ने जाति जनगणना को नीति निर्माण की नींव बताया। उन्होंने जाति जनगणना को देश के धन वितरण को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
देश के सबसे बड़े 500 उद्योगपतियों में कोई दलित नहीं : राहुल गांधी
सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा कि हमारा लक्ष्य हिंदुस्तान की 100 प्रतिशत आबादी की मदद करना है। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट इंडिया के 500 सबसे बड़े उद्योगपतियों में से कोई भी दलित, आदिवासी या पिछड़े वर्ग से नहीं है। यहाँ तक कि देश की नेशनल मीडिया में कोई भी दलित या आदवीसी ऐंकर नहीं है। अल्पसंख्यक समुदाय को जोड़ते हुए देश की इस आबादी को जनसंख्या का बड़ा हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि हम देश की इतनी बड़ी आबादी के बिना केवल किसी विदेशी नेता को गले लगाने से सुपरपावर नहीं बन सकते।
हर जिले में खोले जाएँ सर्टिफिकेशन सेंटर
रायबरेली में एक मोची से जुड़े किस्से का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हर जिले में सर्टिफिकेशन सेंटर खोले जाने चाहिए। देश के लाखों नाई, बढ़ई, मोची देश का स्किल नेटवर्क हैं। इनके हाथों में स्किल है। देश के इंजन में 10 सिलिन्डर हैं मगर इस स्किल नेटवर्क को अनदेखा करने के कारण केवल एक ही सिलिन्डर काम कर रहा है। हमारे इंजन के 90 प्रतिशत सिलिन्डर काम नहीं कर रहे हैं। हम इन्हें नकार कर सुपरपावर नहीं बन सकते हैं। इस नेटवर्क की मदद से हम देश के कौशल विकास को गति प्रदान करेंगे।
मेरी दादी कहती थीं मुझे मरने के बाद याद नहीं आना
राहुल गांधी ने बताया कि बचपन में अपनी दादी से बात करते हुए मैंने पूछा कि आप क्या चाहती हैं कि मरने के बाद लोग आपको कैसे याद करें? मेरी दादी ने मुझे कहा कि मैं चाहती ही नहीं कि लोग मुझे याद करें। उनकी बातों में क्लेरिटी थी। मैं काम याद करवाने के लिए नहीं करता हूँ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि याद करवाने के लिए काम करना नरेंद्र मोदी का तरीका है।
बीते काफी समय स राहुल गांधी ओबीसी और दलित समुदाय के लिए आरक्षण की बात करते रहे हैं। समय समय पर आरक्षण के इस मुद्दे को जातिगत जनगणना के विषय से भी जोड़ा है। संसद में अपने भाषण के दौरान उन्होंने सरकार पर आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करते हुए ओबीसी और दलित समुदाय को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया था। जातिगत जनगणना की बात करते हुए उन्होंने इसे आरक्षण व्यवस्था में सुधार से भी जोड़ा था।