कूपर टेस्ट: 12 मिनट में हार्ट और लंग्स की सेहत जानने का बेहतरीन तरीका

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written by : Kritika Nayan singh

कूपर टेस्ट क्या है?

कूपर टेस्ट एक फिटनेस टेस्ट है जो आपकी शारीरिक क्षमता और शरीर की ऑक्सीजन खपत का मूल्यांकन करता है। यह टेस्ट दिखाता है कि जब आप शारीरिक परिश्रम करते हैं, तो आपका शरीर ऑक्सीजन को किस तरह से ग्रहण और उपयोग करता है। टेस्ट का मुख्य उद्देश्य यह जानना होता है कि आपके हार्ट और लंग्स की क्षमता कैसी है, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान।

इस टेस्ट को 12 मिनट में दौड़कर या तेज पैदल चलकर पूरा किया जाता है। इसमें आप 12 मिनट के अंदर जितनी दूरी तय कर सकते हैं, उसका माप लिया जाता है। इसके आधार पर आपकी शारीरिक फिटनेस, हार्ट की मजबूती और लंग्स की क्षमता का पता चलता है।

कूपर टेस्ट का महत्व

कूपर टेस्ट का उपयोग खासकर एथलीट्स की शारीरिक क्षमता को मापने के लिए किया जाता है, लेकिन अब यह आम लोगों में भी लोकप्रिय हो गया है। इंडियन एक्सप्रेस में कार्डिएक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रचित सक्सेना के अनुसार, यह टेस्ट न केवल फिटनेस का माप है, बल्कि इससे हार्ट और लंग्स की क्षमता का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। जब आप दौड़ते हैं, तो आपके हार्ट को तेज़ी से पंप करना होता है और लंग्स को ज्यादा ऑक्सीजन शरीर में भेजनी होती है।

इस टेस्ट से आप यह भी जान सकते हैं कि आपका हार्ट डिजीज का खतरा कितना कम या ज्यादा है। जो लोग इस टेस्ट में अच्छे परिणाम प्राप्त करते हैं, उनके हार्ट और लंग्स की क्षमता मजबूत होती है और उनका स्टेमिना भी बेहतर होता है।

कैसे करें कूपर टेस्ट?

  1. हल्के कपड़े और सही जूते पहनें।
  2. टेस्ट शुरू करने से पहले 5-10 मिनट वार्म-अप करें।
  3. अब दौड़ना शुरू करें, या अगर आप दौड़ नहीं सकते, तो तेज़ चलें। इसे ट्रेडमिल पर भी किया जा सकता है।
  4. 12 मिनट तक दौड़ने या चलने के बाद, अपनी तय की गई दूरी को मापें।
  5. 12 मिनट पूरे होने के बाद, 10-12 मिनट आराम करें और परिणाम का मूल्यांकन करें।

कूपर टेस्ट के लिए मानक

  • अगर आप पुरुष हैं और आपकी उम्र 20-29 साल है, तो 2800 मीटर या उससे अधिक दूरी तय करना दर्शाता है कि आपका हार्ट और लंग्स अच्छे हैं।
  • 2400-2800 मीटर की दूरी थोड़ी अच्छी मानी जाती है, जबकि 2200-2399 मीटर औसत है।
  • 1600 मीटर या उससे कम दूरी हार्ट और लंग्स की कमजोरी का संकेत देती है।

महिलाओं के लिए भी इसी प्रकार के मानक होते हैं, लेकिन उम्र के हिसाब से लक्ष्य कुछ कम हो सकते हैं।