छत्तीसगढ़ एवं अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे एंटी नक्सल अभियान में सोमवार को सुरक्षाबलों को बड़ी जीत मिली है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक लाख के इनामी नक्सली समेत 14 अन्य नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्म समर्पण किया है।
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि ये सभी नक्सली परिवार के सुखों से वंचित रहने के कारण और माओवादी जीवन शैली से परेशान थे। इन्हीं कारणों से नक्सलियों ने आत्म समर्पण करने का निश्चय किया है। नक्सलियों का ये आत्मसमपर्ण इसलिए भी अहम हो जाता है क्यों की इन्हीं में से एक 38 वर्षीय नक्सली महिला कैडर नागी पोडियाम मारुबडका गाँव मे क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (केएएमसएस) की मुखिया के रूप में सक्रिय हैं। नागी पोडियाम पर कत्ल, सुरक्षा बलों पर गोलीबारी एवं सड़क को नुकसान पहुँचने का आरोप लगाया जाता है। गत वर्ष 6 मई को सुरक्षाबलों ने पोडियाम से जुड़ी जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये इनामी राशि देने की घोषणा करी थी। आत्म समर्पण करने वाली सभी नक्सली उसूर-पामेड़ एरिया कमेटी, गंगालूर एरिया कमिटी और भैरमगढ़ एरिया कमेटी क्षेत्रों में सक्रिय हैं। नक्सलियों के आत्म समर्पण से मिली यह जीत सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही भावी ऑपरेशन मे इंटेल के रूप में भी सहायता कर सकती है।
आत्मसमर्पण करने के बाद इन सभी नक्सलियों को राज्य शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये नकद की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। माना जा रहा है की इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे की मुख्य वजह उनके वरिष्ठ कैडरों का उनके प्रति अमानवीय व्यवहार और खोखली माओवादी विचारधारा से परेशान होना है। इस वर्ष अभी तक 137 नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया है वहीं 306 नक्सलियों की गिरफ़्तारी हो गई है। इससे पहले मई में भी बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी जब एक साथ 33 नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया था। इसी तरह से दाँतेवाड़ा एवं बस्तर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों से भी लगातार सुरक्षाबलों के सामने कर रहे नक्सलियों के आत्म समर्पण की खबरें सामने आती रहती हैं।