कौन है बांग्लादेशी सियासत का विलेन व्हाइट मैन, अमेरिका पर उठ रही उँगलियाँ

बांग्लादेशी सियासत का खलनायक व्हाइट मैन

बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद सोमवार शाम पड़ोसी देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आ चुकी हैं। बांग्लादेश में उपजी इस सियासी दरार के पीछे मुख्य वजह वहाँ चल रहे छात्र प्रदर्शनों को माना जा रहा था। मगर अब आशंका जताई जा रही है कि इस सब के पीछे कुछ बड़ी वजह हो सकती है। 


बांग्लादेश : पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश की सियासत ने तीखा मोड लिया है। पड़ोसी देश में तख्तापलट और छाई अशान्ति के बाद अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक पुराना बयान सुर्खियों में छाया हुआ है। दरअसल आज से कुछ महीनों पहले हसीना ने किसी खास देश पर बांग्लादेशी सियासत से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह ही उनकी भी हत्या करी जा सकती है। उन्होंने इन सभी आरोपों के पीछे किसी खास देश या इंसान का नाम नहीं लिया था। शेख हसीना ने इन सभी साजिशों के पीछे किसी व्हाइट मैन के होने की बात कही थी। 
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से बांग्लादेशी सियासत की जमीन में भारी उथल पुथल थी। इस साल चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से ही शेख हसीना सरकार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं। पहले उन पर चुनावों में धांधली का आरोप लगा और फिर आरक्षण को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने हालात और खराब कर दिए। इन प्रदर्शनों के उग्र होने के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें अपना देश छोड़ भारत में शरण लेनी पड़ी। मगर अब माना जा रहा है कि इन सब के पीछे कुछ बहुत बड़ी वजह हो सकती है। शेख हसीना के पूर्व में दिए गए बयानों से इस तख्तापलट के पीछे किसी बड़ी ताकत के होने की शंका और गहरा गई है। 

बांग्लादेश को बनाना चाहते हैं ईसाई देश 

अपने बयानों में शेख हसीना ने कहा था कि ये व्हाइट मैन बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक नया ईसाई देश बनाना चाहता है जिसका बेस बंगाल की खाड़ी में स्थापित किया जाएगा। हालंकी शेख हसीना ने उस समय किसी भी दबाव के आगे ना झुकने की कसम खाई थी। उस समय उन्होंने साफ कहा था कि यह निर्णय हमेशा उनकी सरकार के लिए नए संकट पैदा करेगा लेकिन इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने मुक्ति संग्राम जीता था और वो किसी भी स्थिति में अपने देश का कोई हिस्सा दूसरे देश को किराये पर  देकर सत्ता में नहीं आना चाहतीं। 

जनवरी में मिला था दोबारा सरकार बनाने का मौका 

5 अगस्त को इस्तीफा देने से पहले शेख हसीना पिछले 15 सालों से बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर काबिज थीं। पूर्व में दिए अपने बयानों में उन्होंने कहा था कि उन्हें जनवरी में एक व्हाइट मैन की ओर से फिर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि शर्त यह थी की उन्हें बांग्लादेश में किसी विदेशी देश को एयरबेस बनाने की अनुमति देनी होगी। जब उन्होंने यह बात नहीं मानी तो उसके बाद से उनके लिए सियासी तकलीफें शुरू हो गईं। माना जा रहा है कि यह व्हाइट मैन और कोई नहीं बल्कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ही हैं। अमेरिका पर पहले भी इसी तरह से कई देशों के आंतरिक मामलों में खिलवाड़ कर वहाँ की सियासत को उलझाने का आरोप लग चुका है। 

हालांकि इन सभी मामलों में अमेरिका की मौजूदगी का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। लेकिन अगर शेख हसीना के इन दावों में जरा सी भी सच्चाई है तो यह बात भारत के लिए भी भविष्य में बड़ी चिंताएं पैदा कर सकती हैं। पहले ही भारत के सीमा संबंध अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों के साथ बहुत खराब हैं। अब अगर इस सूची में बांग्लादेश और म्यांमार का भी नाम जुड़ता है तो भारत के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।