आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर मिली अंतरिम जमानत
देशभर में बहुचर्चित आसाराम केस में आज सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा फैसला आया है। अपने ही गुरुकुल की एक छात्रा से यौन दुराचार 2013 के मामले में जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे आसाराम उर्फ असुमल हरपलानी को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी है। आपको बता दें कि 83 साल के आसाराम दिल के मरीज हैं और उन्हें हार्ट अटैक भी आ चुका है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के साथ ही कुछ निर्देश भी दिए हैं। आसाराम के साथ पुलिसवालों की तैनाती के भी आदेश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है कि आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके अलावा वह अपने अनुयायियों से भी नहीं मिलेंगे। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से ये भी कहा कि वे उन्हें इलाज के लिए केवल अस्पताल में ही ले जाएं, और किसी को ये न बताएं कि वह इलाज के लिए कहां जा सकते है। अंतरिम जमानत की मांग करते हुए उनके वकीलों ने कहा कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। पिछले साल उन्होंने पुणे में इलाज कराया था। दिल से जुड़ी बीमारी होने के बाद उन्हें जोधपुर एम्स में भी भर्ती कराया गया था।
जमानत मिलने के बाद भी नहीं आ पाएगा आसाराम जेल से बाहर
भले ही आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन फिलहाल वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि जेल से बाहर आने के लिए उन्हें जोधपुर रेप केस में भी राजस्थान हाइकोर्ट से जमानत लेनी होगी। आसाराम के वकीलों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत के बाद अब जोधपुर मामले में राजस्थान हाइकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की जाएगी। बीते 5 महीनों में 3 बार पैरोल भी मिल चुकी है।
सेंट्रल जेल जोधपुर में आजीवन की सजा काट रहा है आसाराम
आपको बता दें कि साल 2013 में आसाराम पर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। इसके बाद 31 अगस्त 2013 को आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया। इसके बाद से ही आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी । उसके बाद से ही वो लगातार जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद थे। 12 साल बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत दी है
[ रिपोर्ट - कोमल कुमावत]