कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन,गांधी परिवार के नजदीकी रहे हैं खान

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Edited by : Kritika

अलवर: राजस्थान की राजनीति को बड़ा झटका देते हुए, रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान का शनिवार सुबह निधन हो गया। 61 वर्षीय जुबेर खान काफी समय से बीमार चल रहे थे और अलवर शहर के निकट स्थित ढाई पेडी में अपने फार्महाउस पर उन्होंने सुबह 5:50 बजे अंतिम सांस ली। उनका एक साल पहले लीवर ट्रांसप्लांट हुआ था, जिसके बाद से उनकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे, असर की नमाज के बाद रामगढ़ (अलवर) में गैस गोदाम के पास किया जाएगा।

डेढ़ साल से बीमार थे जुबेर खान

जुबेर खान का स्वास्थ्य पिछले डेढ़ साल से खराब था। एक साल पहले उन्होंने लिवर ट्रांसप्लांट करवाया था। हालांकि, इसके बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो सका। खासकर लोकसभा चुनावों के दौरान भाग-दौड़ की वजह से उनकी सेहत और बिगड़ गई थी। डॉक्टरों की देखरेख में उन्हें कई बार आईसीयू में रखा गया। 15 दिन पहले, मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज जारी रखने में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद उन्हें उनके घर पर ही आईसीयू की सुविधा मुहैया कराई गई थी। जयपुर और दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में भी उनका इलाज कराया गया, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। 

जुबेर खान का राजनीतिक सफर

जुबेर खान का राजनीतिक सफर कांग्रेस के छात्र संगठन से शुरू हुआ था। उन्होंने अलवर के माचड़ी गांव में 8वीं तक की पढ़ाई की और फिर अलवर शहर के नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह दिल्ली चले गए, जहां जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जामिया मिलिया में पढ़ाई के दौरान वह छात्रसंघ अध्यक्ष बने और यहीं से उनकी राजनीति में गहरी दिलचस्पी शुरू हुई। इसके बाद कांग्रेस में उनकी एंट्री हुई और वह धीरे-धीरे पार्टी में एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए।

विधायक जुबेर खान की राजनीतिक यात्रा रामगढ़ विधानसभा सीट से 2018 में शुरू हुई, जब उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव का पद संभाला और कांग्रेस की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की टीम के अहम सदस्य बने। अपने कार्यकाल के दौरान, वह हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी के लिए सक्रिय रहे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

जुबेर खान का जन्म अलवर जिले के माचड़ी गांव में हुआ था। उनके पिता बाग सिंह माचड़ी के ग्राम पंचायत के सरपंच रह चुके थे। जुबेर खान के परिवार में छह भाई हैं और उनका एक बड़ा परिवार है। उनके परिवार में पत्नी साफिया जुबेर भी राजनीति में सक्रिय रही हैं और विधायक रह चुकी हैं। जुबेर खान के दो बेटे हैं – आदिल (29) और आर्यन (26)। दोनों ही बेटों ने एमबीए किया है। आदिल पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग करते हैं, जबकि आर्यन ने एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर दिल्ली में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की है।

सामाजिक और राजनीतिक योगदान

जुबेर खान ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए। वह हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के बीच लोकप्रिय रहे और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई। वह गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे और उनकी बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने में मदद की।

उनकी मौत से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र और कांग्रेस पार्टी को एक बड़ी क्षति हुई है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जुबेर खान के निधन से शोकाकुल हैं और उनकी कमी को भरना मुश्किल मान रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने जुबेर खान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।