नई दिल्ली : मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटना सामने आई है। शुक्रवार को मणिपुर के जीरीबाम जिले में हथियारबंद उग्रवादियों ने जैरावन गांव में 6 घरों को आग के हवाले कर दिया। साथ ही फायरिंग भी की। जिसमें एक महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि इस हमले में मैतेई समुदाय के लोग शामिल थे। घटना के बाद कई लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए। प्रशासन ने अब हिंसा पर काबू पाने के लिए इलाके में सर्च अभियान शुरू किया है। आपको बता दें कि हाल ही में मणिपुर में शांति कायम करने के लिए कई बैठकें भी हो चुकी है, लेकिन हालत अभी भी गंभीर बने हुए है। मणिपुर के कुकी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें कुछ ऑडियो क्लीप का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि CM बीरेन सिंह ने मणिपुर में हिंसा भड़काई है।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि लीक ऑडियो में आवाज मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की ही है या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए। हम इस जांच के लिए तैयार है।
चलिए जानते है क्यों हो रही हैं मणिपुर में हिंसा का कारण -
• मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
• कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई।
• नगा-कुकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
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(रिपोर्ट : पवन गौड़)