रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान सीजफायर में हमने पाकिस्तान को बिहैवियर के आधार पर प्रोबेशन पर रखा है, बिहेवियर में गड़बड़ी आई तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजनाथ इससे पहले गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर एयरबेस पहुंचे थे। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों में हुए दो एनकाउंटर में छह आतंकवादी ढेर कर दिए गए हैं। सेना-पुलिस ने शुक्रवार को जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। त्राल और शोपियां में 2 एनकाउंटर में आतंकी मारे गए। एक ऑपरेशन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में हुआ, एक ऑपरेशन गांव में हुआ। सुरक्षाबलों ने सावधानी से दोनों जगह टेररिस्ट को मारा। जम्मू और कश्मीर से आतंकवाद का सफाया कर देंगे। लोगों का भी धन्यवाद करेंगे कि उनके सहयोग के बिना इस तरह की सफलता मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन थी।
राजनाथ सिंह ने कहा आतंकवाद के माथे पर खतरे की लाल लकीर
जो श्रृंगार का नहीं शौर्य का प्रतीक है। यह वह सिंदूर है जो सौंदर्य नहीं, संकल्प का प्रतीक है। यह सिंदूर खतरे की वह लाल लकीर है, जो भारत ने आतंकवाद के माथे पर खींच दी है। इस लड़ाई में सरकार और सभी नागरिक एकजुट थे। भारत का हर नागरिक इसमें सिपाही की तरह भागीदार रहा। मैं उन परिवारों को नमन करता हूं जिन्होंने आपको पाला पोसा और बिना हिचक के आपको सेवा के लिए सौंप दिया। सरकार और देश की जनता हर स्थिति में आपके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, अब नेशनल डिफेंस का हिस्सा
हम इसे जड़ से खत्म करेंगे। अब भारत पहले का भारत नहीं है, नए भारत का जन्म हो चुका है। हम हमारे आराध्य श्रीराम के रास्ते का पालन कर रहे हैं, जैसे उन्होंने राक्षसों को धरती से समाप्त करने का प्रण लिया था, हम भी आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का प्रण ले रहे हैं। पाकिस्तान दोबारा ध्वस्त हो चुके आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने में लगे हैं। वो सरकार मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपए देने जा रही है, जो पाकिस्तानी नागरिकों की ओर से दिया हुआ टैक्स है। मेरा ऐसा मानना है कि इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड ने जो रकम पाकिस्तान को दी गई है, उससे वो आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने में लगाएगा। क्या यह आतंकवादी फंडिंग नहीं है? आईएमएफ पाकिस्तान को फंडिंग देने से परहेज करे, आगे भी ऐसी किसी फंडिंग पर विचार करे। हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट फंडिंग की जाए।
सैन्य नैतिकता और संयम
ऑपरेशन पूरी तरह से आत्म-नियंत्रण और नैतिक मर्यादा के तहत संचालित किया गया. सेना ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग न हो और कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों तक सीमित रहे.नागरिकों को नुकसान से बचाने की प्राथमिकता: सभी टार्गेट को इस तरह चुना गया और हमले इतने सटीक थे कि किसी भी निर्दोष नागरिक को कोई क्षति नहीं पहुंची। यह सिद्धांत इस ऑपरेशन की आधारशिला रहा कि आतंक का खात्मा हो, लेकिन इंसानियत सलामत रहे.भारत सरकार ने 7 मई को हुई अपनी पहली आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई सटीक, संतुलित और गैर-उत्तेजक (non-escalatory) रही है. पाकिस्तानी सेना के किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है. यह निर्णय जानबूझकर लिया गया ताकि क्षेत्र में तनाव को अनावश्यक रूप से बढ़ने से रोका जा सके. भारत का उद्देश्य आतंक के ढांचे को खत्म करना था, न कि युद्ध को बढ़ावा देना.सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर कोई हमला होता है, तो उसका उचित और कड़ा जवाब दिया जाएगा. यह संदेश पाकिस्तान को सीधे तौर पर दिया गया है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 8, 9 और 10 मई को कई प्रेस ब्रीफिंग में भारत की कार्ययोजना और पाकिस्तान की साजिशों की पूरी सीमा को उजागर किया.