अमेरिका ने चीनी छात्रों के वीजा को बड़े पैमाने पर रद्द करने की घोषणा की है

अमेरिका चीनी छात्रों के वीजा रद्द करेगा:कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े होने का शक, विदेश मंत्री बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी

US VISA

 

वाशिंगटन अमेरिका और चीन के संबंध काफी वक्‍त से ठीक नहीं है. हाल ही में टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच जमकर बयानबाजी देखने को मिली थी, हालांकि टैरिफ पर दोनों देशों जरूर एक राय हो चुके हैं, लेकिन अब चीन के छात्रों के वीजा को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री ने एक बयान दिया है, जिसे लेकर दोनों देश फिर आमने-सामने आ सकते हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को कहा कि अमेरिका चीनी छात्रों के वीजा को रद्द करना शुरू करेगा. इन छात्रों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े या महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अध्ययन करने वाले छात्र भी शामिल हैं. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इसके साथ ही रुबियो ने एक बयान में कहा कि विदेश विभाग चीन और हांगकांग से भविष्य के सभी वीजा आवेदनों की जांच को बढ़ाने के लिए वीजा मानदंडों को भी संशोधित करेगा.

छात्रों के वीजा रद्द होने से अमेरिका-चीन पर क्या असर पड़ेगा

देश छोड़ना पड़ेगा चीनी छात्रों को डर है कि उनके वीजा रद्द हो सकते हैं, जिसके कारण उन्हें दूसरी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करना पड़ सकता है या देश छोड़ना पड़ सकता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 1,203 चीनी छात्र पढ़ रहे हैं, और इनमें से कई पर असर पड़ सकता है।अमेरिका की छवि पर प्रभाव चीन ने चेतावनी दी है कि ये कदम अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाएंगे। कुछ चीनी छात्र अब ब्रिटेन या अन्य देशों में पढ़ाई के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।आर्थिक नुकसान चीनी छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण आय स्रोत हैं। 2023-24 में, लगभग 2,78,000 चीनी छात्रों ने अमेरिकी शिक्षा पर 14.3 अरब डॉलर से अधिक खर्च किए। इन नीतियों से विश्वविद्यालयों को वित्तीय नुकसान हो सकता है।शैक्षिक संबंधों में कमी अमेरिका और चीन के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान पहले से ही कम हो रहा है। 2019 में 3,72,532 चीनी छात्र अमेरिका में थे, जो 2023-24 में घटकर 2,78,000 रह गए। ये नीतियां इस कमी को और बढ़ा सकती हैं।

चीनी को दिया ट्रंप ने झटका

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका सरकार ने उन चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने की योजना बनाई है जिनका चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध है या जो संवेदनशील क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं.  ‘कैच एंड रिवोक’ नाम की एक नई पहल के तहत छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी की जाएगी. इसमें उन छात्रों की पहचान की जाएगी जो आतंकवादी संगठनों के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं.