दहशत के साए में चीन और पाक, भारत संग अमेरिका की सैन्य साझेदारी, ड्रोन डील पर बनी सहमति

भारत-अमेरिका के बीच सैन्य साझेदारी पर बनी सहमति, तीन अरब डॉलर की ड्रोन डील शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमरीका दौरे पर दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी पर चर्चा की। इसके अन्तर्गत अमेरिका से एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद शामिल है। 
 

अमेरिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में ड्रोन डील पर चर्चा की। इस रक्षा समझौते के तहर भारत अमेरिका से एमक्यू-9बी प्रेडेटर ड्रोन खरीदेगा। इस रक्षा साझेदारी में सैन्य इंटरऑपरेबिलिटी, इंटेलिजेंस-शेयरिंग, स्पेस और साइबर सहयोग शामिल हैं। मुलाकात के दौरान भारत ने अक्टूबर में होने वाली इस डील के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। 
इस रक्षा समझौते में 31 एमक्यू-9बी श्रेणी के ड्रोनों की खरीद शामिल है। ये ड्रोन भारतीय नौसेना, थलसेना और वायुसेना की शक्ति में बड़ा इजाफा करेंगे। इस रक्षा साझेदारी से भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच सैन्य तालमेल बढ़ेगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी भी साझा की जाएंगी जो दोनों देशों की सैन्य शक्ति बढ़ाएगा। भारत के पास ये ड्रोन आने से चीन भी भारत को आँख दिखाने से डरेगा। उन्नत तकनीकों वाले इस ड्रोन को खराब मौसम होने की स्थिति में दूर से ही उपग्रहों की मदद से संचालित किया जा सकेगा। 

तीन अरब डॉलर की डील का रोडमैप तैयार 

भारत अमेरिका से एमक्यू-9बी श्रेणी के 31 ड्रोन खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ड्रोन और उससे जुड़े उपकरणों की खरीद पर भारतीय सरकार की प्रगति का स्वागत किया है। हालांकि, अभी इस तीन अरब डॉलर की खरीद पर मुहर नहीं लागि है मगर इसका रोडमैप तैयार हो चुका है। अमेरिका के पास इस ड्रोन के दो वेरिएंट मौजूद हैं। भारत अमेरिका से 15 सी गार्जियन और आठ-आठ स्काइ गर्जियन ड्रोन खरीदकर उन्हें भारतीय सक्षत्र बालों को सौंपेगा। 

ड्रोन की जद में हैं पाक और चीन के कई शहर 

अमेरिका का ये एमक्यू-9बी ड्रोन एक अत्याधुनिक मानव रहित ड्रोन है। इसे रिमोट की मदद से दूर से ही संचालित किया जा सकता है। यह हथियारों से लैस एक हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (हेल) श्रेणी का ड्रोन है। यह एक बार में 40 घंटों से ज्यादा समय तक उड़ान भर सकता है। पचास हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम ये ड्रोन 1850 किलोमीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को भेद सकता है। पाक और चीन के कई शहर इस ड्रोन की मारक रेंज में हैं। ड्रोन की अधिकतम गति 442 किलोमीटर प्रति घंटा है और ये एक बार में 2177 किलोग्राम भार उठा सकता है। 

हर तरह की मिसाइल से है लैस 

अमेरिका के इस ड्रोन को लेजर गाइडेड मिसाइल, एंटी टँक मिसाइल और एंटी शिप मिसाइल से लैस किया जा सकता है। ड्रोन की मदद से भारत समुद्र सतह के नीचे मौजूद पनडुब्बी भी नष्ट कर सकता है। इस बहुउद्देशीय ड्रोन का इस्तेमाल मौसम में बदलाव की जानकारी जुटाने के लिए भी किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और आक्रामक सैन्य अभियानों को अंजाम तक पहुंचाने में भी किया जा सकता है। 

अमेरिका ने अलकायदा नेता को ड्रोन से गिराया 

इस ड्रोन को अमेरिका की 'जनरल एटॉमिक्स' कंपनी ने बनाया है। इसे 'हंटर किलर' ड्रोन भी कहा जाता है। पूर्व में अमेरिका भी इस ड्रोन का इस्तेमाल अपने अभियानों में कर चुका है। 2022 में अमेरिका ने इस ड्रोन का इस्तेमाल अलकायदा के नेता अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराने में किया था। इसके अलावा अमेरिका इस ड्रोन का इस्तेमाल दुशमन देशों पर निगरानी करने के साथ-साथ शत्रु सेना के सैन्य ठिकानों का पता निकालने के लिए भी करता आया है। 

पाक शहरों पर रखेगा नजर, चीन का बनेगा काल 

ड्रोन डील से भारत की सैन्य शक्ति में भारी इजाफा होगा। ड्रोन की लंबी रेंज से भारत पाकिस्तान के शहरों पर दूर से ही निगरानी कर सकेगा। इसके अलावा ड्रोन को पाक सीमा पर भी तैनात किया जाएगा। अमेरिका के इस ड्रोन का चीन के पास भी कोई तोड़ नहीं है। ड्रोन के आने से भारतीय नौसेना की हिन्द महासागर में शक्ति बढ़ेगी। इसके अलावा अमेरिका का यह उन्नत तकनीकों वाला ड्रोन आपदा राहत/मानवीय सहायता, खोज-बचाव, समुद्री अभियानों में भी मदद करेगा।