अन्न घोषित करने के बाद बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि हुई है इसका सीधा लाभ किसानों को मिला

अन्न को प्रोत्साहित करने से बढ़ा बाजरा का समर्थन मूल्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री

sumit godhara

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोटे अनाज को अन्न घोषित करने के बाद बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि हुई है और इसका सीधा लाभ किसानों को मिला है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में बाजरा का समर्थन मूल्य 1250 रुपये प्रति क्विंटल था, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 2625 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गुजरात में वर्ष 2024-25 में 936 किसानों से 3 हजार 818 मीट्रिक टन खरीद की गई। इसी प्रकार हरियाणा में 1 लाख 59 हजार 67 किसानों से 4 लाख 48 हजार 387 मीट्रिक टन तथा उत्तर प्रदेश में 16 हजार 817 किसानों से 1 लाख 1 हजार 311 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई। इससे पहले विधायक पब्बाराम विश्नोई के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में 43 लाख 13 हजार 777 टन, वर्ष 2022-23 में 59 लाख 18 हजार 718 टन तथा वर्ष 2023-24 में 43 लाख 82 हजार 760 टन बाजरे की पैदावार हुई थी। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन सीजन 2021-22 से 2023-24 के दौरान प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया व तदनुसार खरीद भी नहीं की गई है गोदारा ने कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन खरीफ फसल की खरीद सहकारिता विभाग एवं खाद्यान्न फसलों की खरीद हेतु खाद्य विभाग नोडल विभाग है। राजफैड से प्राप्त सूचनानुसार समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन खरीफ फसल की खरीद लक्ष्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं । उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग, द्वारा वर्ष 2024 में खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया। उन्होंने राजफैड द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन खरीफ फसल की खरीद हेतु जारी किये गये दिशा-निर्देशों की प्रति सदन के पटल पर रखी।