राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि कृषि उत्पादों के प्रभावी वितरण के लिए उनके प्रसंस्करण के लिए कार्य किया जाए। उन्होंने वर्षा जल संरक्षण के लिए कार्य किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल को बचाना ही उसका निर्माण है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से होने वाली खेती से कैंसर जैसे भयावह रोग बढ़ रहे हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है, पर्यावरण प्रदूषण से जलवायु परिवर्तन के संकट बढ़ रहे हैं। इससे बचने लिए प्राकृतिक खेती की ओर लौटने की आवश्यकता है।
राज्यपाल बागडे बुधवार को कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे
राज्यपाल बागडे बुधवार को कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा के अंतर्गत रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने दीक्षान्त समारोह मे 11 स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या 10 होने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि छात्राओं की यह भूमिका उत्साह जगाने वाली है। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा से ही राष्ट्र विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सकता है। कृषि में महिला शिक्षा को सभी स्तरों पर बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कृषि क्षेत्र में नवीनतम शोध, तकनीकी विकास और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता का प्रसार करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों को कम पानी में अधिक उपज वाली फसलों को लेने, सूखा सहन करने वाली, उच्च तापमान सहनशील, और जलवायु अनुकूल कृषि प्रौद्योगिकियों के लिए कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को पारंपरिक भारतीय उत्पादन के पेटेंट के लिए भी प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया। आरंभ में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्र—छात्राओं को पदक और उपाधियां प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रगति प्रतिवेदन और अन्य प्रकाशनों का भी लोकार्पण किया। उन्होंने विद्यार्थियों को खूब पढ़ने और आगे बढ़ते हुए 'विकसित भारत' में भागीदारी निभाने का भी आह्वान किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने विश्वविद्यालय गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।