आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे सांसद राजकुमार रोत, कहा बंटवारा हो क्षेत्रीय आधार पर...

आरक्षण पर छिड़ी नई जंग, सांसद राजकुमार रोत ने खड़े किए कई सवाल

rajkumar roat

 

 

अनुसूचित क्षेत्र आरक्षण मोर्चा की ओर से आरक्षण और 31 सूत्रीय मांगों को लेकर विशाल सभा का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में आदिवासी पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ आदिवासी वेशभूषा में स्टेडियम में पहुंचे। आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों, आरक्षण और जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा को लेकर जोरदार आवाज उठाई गई। आदिवासियों को केंद्र और राज्य स्तरीय भर्तीयों में भी टीएसपी क्षेत्र की तरह 12 प्रतिशत में से 6.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की मांग की। इस दौरान सांसद राजकुमार रोत ने आदिवासियों के हक के लिए लड़ाई लड़ने की बात कही। रैली में सांसद राजकुमार रोत के साथ विधायक अनिल कटारा और विधायक थावरचंद डामोर भी मौजूद रहे। रैली के दौरान राजकुमार रोत ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना भी साधा।

आदिवासियों के हक्क और आरक्षण की मांग को लेकर हुई विशाल सभा
राजकुमार रोत ने कहा जब से सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया है कोटे  में कोटा को लेकर जिसके बाद से देश में अलग-अलग माहौल तैयार किया गया। भाजपा की और से हम पर कटाक्ष किया गया। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को जितना समझने की कोशिश की जाती है उसे देखकर लगता है कि जैसे यह जजमेंट बांटो और राज करो जैसा है। हमारा इलाका वंचित रहा है इसलिए आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन यह बंटवारा क्षेत्रीय आधार पर किया जाए। सुप्रीम कोर्ट और बीजेपी का रही है कि सभी जातियों को अलग-अलग किया जाए यह सिर्फ और सिर्फ आपस में लड़ाने का फार्मूला है। अनुसूचित क्षेत्र में अलग से आरक्षण पॉलिसी हो। इस दौरान राजकुमार रोत ने आदिवासियों के लिए जारी किए जाने वाले बजट से एक रुपया भी खर्च नहीं किए जाने को लेकर भी भाजपा सरकार को घेरा। रोत ने कहा पिछली सरकार में महाराष्ट्र पैटर्न के तर्ज हम सभी जनप्रतिनिधियों ने अलग विकास कोष का प्रावधान करवाया था। लेकिन इस सरकार ने घोषणा तो की लेकिन साल पूरा खत्म हो गया सरकार ने एक रुपया भी खर्च नहीं किया।

आरक्षण को लेकर सांसद राजकुमार रोत ने उठाए कई सवाल 
राजकुमार रोत ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा की एक तरफ डबल इंजन की सरकार आदिवासियों के भले की बात करती हैं। लेकिन दूसरी और आदिवासियों के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यदि सरकार आदिवासियों के बारे में सोचती तो 1500 करोड रुपए धरातल पर खर्च किए जाते।
इससे पहले भी राजकुमार रोत आरक्षण की मांग कर चुके हैं। इस दौरान रोत ने कहा था की हमारी डिमांड है कि कुल 12 प्रतिशत एसटी आरक्षण में से 6 से साढ़े 6 प्रतिशत शेड्यूल एरिया को, ढाई प्रतिशत डेजर्ट एरिया, डेढ़ प्रतिशत हाड़ौती क्षेत्र और शेष राजस्थान के एसटी के लिए ओपन एरिया रिजर्वेशन हो। इसके लिए इन क्षेत्रों को भी नोटिफाई किए जाने की जरूरत है। हम काफी समय से डेजर्ट ट्राइबल को अलग से आईडेंटीफाइ करने की मांग कर रहे हैं। यहां मरुथलीय क्षेत्र में ट्राइबल जनसंख्या बहुत बड़ी संख्या में है। जो लोग सामाजिक न्याय में विश्वास करते हैं वे लोग हमारी मांग से सहमत होंगे। बारां में सहरिया जाति को अलग से आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार राजस्थान में क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है। लेकिन हम जाति आधार पर नहीं क्षेत्रीय आधार पर चाहते है, आरक्षण हमारा अधिकार है, यह कब और कैसे लेना है हम तय करेंगे।