विधानसभा में सवाल जवाब की नई व्यवस्था पर हुआ बवाल, डोटासरा ने भाजपा घबराकर कर रही विरोध

विधानसभा में नई व्यवस्था लागू होने पर हुआ हंगामा, विधानसभा अध्यक्ष मंत्री पर भड़के 

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राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने के लिए लगाए गए टैबलेट्स के जरिए सदन में पूछे गए हर सवाल का जवाब सभी विधायकों तक पहुंच रहा है। साथ ही, विधानसभा अध्यक्ष प्रोफेसर वासुदेव देवनानी ने एक नई व्यवस्था दी है कि सवाल का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए, ताकि पूरक प्रश्नों के जरिए ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा हो सके। इस नई व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

मंत्री ने दी दलील कहां विधायक सुनना चाहते हैं जवाब 
इस नई व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने एतराज जताया है जबकि विपक्ष के सदस्यों ने स्वागत किया है। सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों ने पुरानी व्यवस्था लागू रखने की मांग की जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। नई व्यवस्था पर काफी बहस हुई। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्पष्ट किया कि नई व्यवस्था ही लागू रहेगी। इसके बावजूद भी मंत्री जवाब देने पर अड़ गए। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी काफी नाराज हुए। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि आप व्यवस्था को चेलेंज कर रहे हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी नई व्यवस्था का समर्थन किया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों से काफी नोकझोंक हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती की जनता के मुद्दे सदन में उठे। या फिर इनका उद्देश्य सिर्फ आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करना है?

सत्ता पक्ष के विरोध करने पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लगाई फटकार 
दरअसल सवाल का जवाब पढने और ना पढने को लेकर स्पीकर और मंत्री के बीच काफी देर तक तर्क वितर्क हुआ। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष भी बीच में कूद पड़े। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आसन व्यवस्था दे चुके हैं तो आप जबरदस्ती नहीं कर सकते। इस पर मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि अध्यक्ष भी सदन का हिस्सा हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी गुस्सा हो गए। उन्होंने खड़े होकर मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि सदन की व्यवस्था को भंग मत कीजिए।

विधानसभा में सवाल जवाब के लिए पेपरलेस सिस्टम किया लागू 
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की  बेशक राजनीति हो लेकिन उसमे प्रदेश की जनता का हित और समस्याओं का समाधान सभी दलों व सदस्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए। विधासनभा की पूर्व व्यवस्था में प्रश्नकर्ता को नियत दिवस के तारांकित प्रश्नों के उत्तर का जवाब देर रात मिलता था। सभी प्रश्नों के उत्तर का एक सेट हां पक्ष लॉबी और एक सेट ना पक्ष लॉबी में पढ़ने के लिए सुबह 10:30 बजे रखा जाता था। जबकि वर्तमान व्यवस्था में हर प्रशन का उत्तर सभी सदस्यों को टेबल पर लगे टैबलेट में मिलता है, जिससे सभी प्रश्नों के उत्तर कोई भी सदस्य पढ़कर पूरक प्रश्न कर सकता है।साथ ही सभी प्रश्नों के उत्तर मीडिया और पब्लिक डोमेन में आ जाते हैं।
डोटासरा ने कहा की विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई वर्तमान व्यवस्था में कार्यवाही के दौरान सदन का हर सदस्य सभी प्रश्नों के उत्तर टैबलेट पर आसानी से पढ़ सकता है। अध्यक्ष द्वारा लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में लागू की गई है यह व्यवस्था कि मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए और जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा सदन में हो सके, सराहनीय पहल है।
डोटासरा ने कहा की सत्ता में बैठी भाजपा इस व्यवस्था से घबराकर इसका विरोध कर रही है। सदन में संसदीय मंत्री एवं अन्य मंत्रियों द्वारा इस व्यवस्था का विरोध करना समझ से परे है। क्या भाजपा सरकार नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे सदन में आएं? या इनका उद्देश्य सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करना है?