अशोक गहलोत ने कसा भाजपा सरकार पर तंज, बोले- बाजरे की MSP पर खरीद का वादा कब पूरा किया जाएगा?

गहलोत ने सीएम भजनलाल के बयान पर किया पलटवार, कहा- इनकी कथनी और करनी में अंतर

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से बाजरे की खरीद और पेपर लीक मामले को लेकर भजनलाल सरकार को घेरा। गहलोत लगातार बाजरे की खरीद का मुद्दा उठा उठा रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा था कि गहलोत सिर्फ सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें जमीनी हकीकत भी देखनी चाहिए। सीएम ने कहा था कि इस बार किसानों को बाजरे की कीमत MSP से ज्यादा मिल रही है। अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर पलटवार करते हुए कई सारे सवाल किए। गहलोत ने कहा भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। पेपर लीक का मामला उठाते हुए गहलोत ने कहा पेपर लीक पर बोलने से पहले भाजपा नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।  

गहलोत बोले मुख्यमंत्री ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर अभी तक फैसला क्यों नहीं किया है?
गहलोत ने कहा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर लाई गई भीड़ के सामने मुख्यमंत्री जी ने जवाब नहीं दिया कि बाजरे की MSP पर खरीद का वादा कब पूरा किया जाएगा? क्या यह वादा भी जुमला है? गहलोत बोले पेपर लीक पर बोलने से पहले भाजपा नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। फरवरी, 2025 में नवलगढ़ में एक सेंटर पर RAS प्री परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुले मिलने पर भी कोई जांच नहीं की गई और मामला दबा दिया गया। उसकी जांच क्यों नहीं की? इसी प्रकार 2013 से 2018 की भाजपा सरकार में 13 पेपर लीक हुए। भाजपा सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अभ्यर्थी जब कोर्ट में गए तब जाकर पेपर लीक पर संज्ञान लिया गया। इस कारण यह पेपर लीक माफिया राज्य में पनपता गया। गहलोत ने कहा भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में दर्जनों पेपर लीक हुए। सेना, ज्यूडिशियरी तक में पेपर लीक हुए परन्तु कहीं भी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

पेपर लीक पर बोलने से पहले भाजपा नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए- गहलोत 
गहलोत ने कहा हमारी सरकार के दौरान पहली बार SOG ने अभियान चलाकर कार्रवाई की और 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गईं। सरकार ने गड़बड़ी की आशंका होते ही जांच करवाई एवं आवश्यकता पड़ने पर पेपर रद्द किए। देश में पहली बार पेपर लीक के खिलाफ 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक सजा और 10 करोड़ रुपये तक जुर्माने का कानून बनाया जिससे पेपर लीक पर रोक लगी। सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर कैबिनेट सब कमेटी ने पेपर रद्द की सिफारिश की। हाईकोर्ट की टिप्पणियों से भी यही ध्वनि निकलती है परन्तु तब भी पेपर लीक का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री जी ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर अभी तक फैसला क्यों नहीं किया है? यह आपकी कथनी और करनी में अंतर है। आपको बता दें की गहलोत ने इससे पहले भी भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा आपकी सरकार को अब डेढ़ साल होने जा रहा है। आपके घोषणा पत्र में भी बाजरे की MSP पर खरीद का वादा था। आज आप बता ही दीजिए कि MSP  पर बाजरे की खरीद आप कब से शुरू करने वाले हैं?