अजमेर दरगाह विवाद मामले में महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान
अजमेर दरगाह को लेकर राजनीति चरम पर है। दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। इसको लेकर निचली अदालत में एक याचिका भी डाली गई है। जिसपर कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया है। जिसके बाद से अब राजनीतिक बहस छिड़ गई है, क्योंकि मथुरा, वाराणसी और धार में मस्जिदों और दरगाहों पर इसी तरह के दावे किए गए हैं। इस बहस के बाद लगातार बयान बाजी करते हुए वर पलटवार किया जा रहा है।
अजमेर दरगाह विवाद के बाद बोली महबूबा मुफ्ती, कहा अब मुसलमान के घर ढूंढने की तैयारी
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर अपना बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा अदालत में दायर याचिका की आलोचना की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा हिंदू और मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस के फैसले से अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों को लेकर विवादास्पद बहस छिड़ गई है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश के फैसले से ही धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण शुरू हुआ। इसके बाद से ही हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ गया है।
पीएम मोदी हर साल चढ़ाते हैं चादर
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा इसके पीछे बीजेपी का हाथ है। ख्वाजा अजमेरी की दरगाह 800 साल से है। दरगाह शरीफ पर कभी भी ऐसा क्लेम नहीं हुआ लेकिन आज ये लोग ऐसा क्लेम कर रहे हैं कि दरगाह नहीं है। दरगाह शरीफ में हर साल नरेंद्र मोदी चादर चढ़ाते हैं, भिजवाते हैं। कई प्रधानमंत्रियों ने चादर भिजवाई हैं। हमारे पड़ोसी मुल्क डिप्लोमेसी के नाम पर यहां डेलिगेशन भी भेजते हैं।
ओवैसी ने कहा भाजपा का मकसद एक ही है जितनी मुसलमानों की मस्जिद और दरगाहें हैं, वहां पर बीजेपी-RSS के स्पॉन्सर्ड लोग हैं, इनको इस्तेमाल करके माहौल पैदा किया जा रहा है। ये लोग लॉ एंड ऑर्डर का स्थिति पैदा करना चाह रहे हैं। जिस किताब का कोर्ट में जिक्र किया गया है, उसमें हिसाब से सबूत कहां है? ओवैसी ने आगे कहा मैं कल जाकर अर्जी डाल दूं कि प्रधानमंत्री के घर के नीचे मस्जिद थी तो क्या खुदाई का ऑर्डर दे देंगे? कल को बोल दूंगा संसद के नीचे कुछ और है तो क्या खुदाई का ऑर्डर मिल जाएगा? आप देश को कहां लेकर जाना चाहते हैं? इस तरह से कोई भी गलत बातें लिख देगा?
अजमेर दरगाह के नीचे शिव मंदिर?
आपको बता दें इस पूरे मामले में बहस छिड़ी हुई है। मामला तब शुरू हुआ जब हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता की ओर से ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की गई। और इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर दी। तब से यह मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है। हिंदू सेना की ओर से रिटायर्ड जज हर विलास शारदा की 1911 में लिखी किताब का हवाला दिया गया है। इस किताब के मुताबिक दरगाह में मंदिर के अवशेष मौजूद है। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा कांग्रेस भी बयान बाजी कर रही है। जहां भाजपा सरकार के मंत्री ने खुदाई होने पर सच्चाई सामने आने की बात कही थी। वहीं कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के अनुसार भाजपा माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है।