दिल्ली का आशा किरण शेल्टर होम एक बार फिर सुर्खियों में है। मानसिक रूप से कमजोर बच्चों और लोगों के लिए बनाया गया यह शेल्टर होम अब एक डेथ चैम्बर में तब्दील हो चुका है। दिल्ली के इस बड़े शेल्टर होम में पिछले 20 दिनों में 13 लोगों एवं बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रारम्भिक जांच के बाद अब इस मामले में रोज चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
दिल्ली : दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 1 में स्थित आशा किरण शेल्टर होम में पिछले 7 महीनों में 27 बच्चों एवं बड़ों ने अपनी जान गंवाई है। केवल जून माह मे ही शेल्टर होम में एक बच्चे समेत 14 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रथम दृष्ट्या रहस्यमयी लगने वाली इन मौतों की असली वजह शेल्टर होम प्रशासन एवं सरकारी लापरवाही बताई जा रही है। अभी तक सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार शेल्टर होम में ना तो रहने के लिए और ना ही खाने पीने के लिए कोई उचित व्यवस्था थी। राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने इनमें से अधिकांश मौतों के पीछे डायरिया को मुख्य वजह बताया है। उन्होंने कहा की शेल्टर होम में फिल्टर्ड पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही उन्होंने शेल्टर होम में अप्रशिक्षित कर्मचारी होने का भी मुद्दा उठाया है। शेल्टर होम में शौचालय एवं बायोमेट्रिक उपस्थिति ना होने पर भी उन्होंने अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा है कि वे केंद्र सरकार से सख्त और स्वतंत्र जांच की मांग करेंगी।
ना प्रॉपर डाइट, ना रहने की उचित व्यवस्था
आशा किरण शेल्टर होम में काम करने वाली एक महिला ने बताया कि शेल्टर होम के अंदर हालात बहुत खराब हैं। शेल्टर में आज से चार साल पहले तक बच्चों को खाने पीने के लिए प्रॉपर डाइट मिलती थी। उस समय बच्चों को दूध अंडा दिया जाता था। मगर अब इस सब को बंद कर दिया गया है। मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बने इस शेल्टर होम से पोषण का ही गायब होना कई शिकायतों को जन्म देता है। इस सब के सामने आने के बाद सारकारी प्रशासन भी आरोपों के घेरे में है। इसके अलावा शेल्टर होम में रहने की भी उचित व्यवस्था नहीं थी। बताया जा रहा है कि शेल्टर होम में केवल 500 लोगों के ही रहने की जगह है मगर फिर भी यहाँ लगभग 950 लोग रहते हैं। यहाँ एक ही कमरे में 30-30 लोगों को रखा जाता था। देश की राजधानी में हो रही इस लापरवाही से पूरा देश सदमे में है। मामला सामने आने के बाद अब दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को अडिश्नल चीफ सेक्रेटेरी को मैजिस्ट्रैट जांच करने के बाद 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
टीबी से संक्रमित शेल्टर होम
शेल्टर में काम करने वाली महिला ने दावा किया है कि शेल्टर होम के अंदर लगभग 20 से 25 बच्चे टीबी से पीड़ित हैं। ये बात इसलिए भी गंभीर हो जाती है क्योंकि टीबी और कुपोषण का एक दूसरे से पुराना नाता है। कुपोषण से पीड़ित लोगों में टीबी होने की संभावना सामान्य लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। हालांकि बताया जा रहा है कि शेल्टर के अंदर महामारी जैसी किसी स्थिति ने जन्म नहीं लिया है। इनमें से किसी भी मौत का कारण संक्रामक बीमारियाँ नहीं हैं। कुछ समय पहले शेल्टर होम के दो बच्चों को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था।
राजनीतिक निशाने पर आम आदमी पार्टी
मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और सांसद मनोज तिवारी समेत कई बड़े नेताओं ने आम आदमी पार्टी को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में यहाँ गंदे पानी, तपेदिक और निमोनिया के कारण लगभग 27 मौतें हुई हैं। उन्होंने सरकार से पुछा है कि इस लापरवाही के पीछे किसका हाथ है? भाजपा प्रवक्ता ने सरकार पर भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही का भी आरोप लगाया। वहीं भाजपा संसद मनोज तिवारी ने तो ये तक कह दिया कि दिल्ली को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी को पद से हटाना बहुत जरूरी है। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी इस मामले को संसद में उठाने की बात कही है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने तो इस मामले में अरविन्द केजरीवाल से इस्तीफा ही मांग लिया है।