पुराने अंदाज में नजर आई महारानी, वसुंधरा राजे ने क्यों मांगा पाई-पाई का‌ हिसाब...

क्या वसुंधरा राजे की गर्जना से डोलेगी सियासत, पूर्व सीएम ने क्यों कहा मैं ऐसा नहीं होने दूंगी...

vasundhara raje

काफी समय से शांत बैठी ‘महारानी‘ फिर से अलर्ट हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर से अपने पुराने अंदाज में नजर आई। राजस्थान की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता चर्चाओं में है।राजे फील्ड में पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आई। वसुंधरा राजे के एक्टिव होने बाद यह चर्चा चलने लगी है कि उनके मन में आखिर क्या चल रहा है? क्या पार्टी ने उनके लिए क्या कोई नई सियासी जमीन खोज ली है। काफी समय से शांत बैठी महारानी अचानक कैसे सक्रिय हो गई। राजे ने तेवर दिखाने हुए अधिकारियों से पाई-पाई का‌ हिसाब मांगा है। राजे का यू पुराने अंदाज में लौटना कई तरह की सियासी अटकलों को जन्म दे रहा है। क्या राजे कुछ बड़ा करने की सोच रही है या कुछ ऐसा जो लोगों की नजरों से दुर है। वहीं राजे की फील्ड में एक्टिवनेस बढ़ने से विरोधी परेशान हैं तो वहीं समर्थकों में उत्साह है। राजे की राजनीति प्रदेश के अन्य नेताओं से कुछ अलग रही है।‌ लेकिन अब उस में आए बदलाव की चर्चा सियासत में आम हो रही है।

वसुधरा राजे ने पूछा क्या जनता को प्यास नहीं लगती?
वसुंधरा राजे ने एक सवाल करते हुए पूछा क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। क्या राजे के यह सवाल अपनी ही सरकार से हैं। राजे ने रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए हैं। राजे ने कहा प्रधानमंत्री ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रेल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा?अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा। राजे समर्थक नेता और कार्यकर्ता अपनी नेता की फील्ड में सक्रियता से खुश हैं‌। राजे के एक्टिव होने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। सियासत के गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। 

फिर एक्टिव नजर आई पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 
राजे के अधिकारियों पर बरसने और उनसे हिसाब मांगने के बाद कांग्रेस इसे एक अवसर के तौर पर देख रही है। और यही वजह है की कांग्रेस भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है। वसुंधरा राजे के बहाने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है। जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी सरकार को घेरते हुए कहा अब तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री भी कह रही हैं जनता परेशान है अफसर सो रहे है , अब तो नींद से जागो भजन लाल। आपको बता दें की पीएम मोदी का मंच हो या बीजेपी संगठन की अहम बैठकें, राजे की मौजूदगी राजस्थान की सियासत को बड़ा संदेश दे रही हैं। और अब राजे का फिल्ड में एक्टिव होना राजस्थान की सियासत में नया संकेत दे रहा है।