उपचुनाव में केंद्रीय नेतृत्व और प्रभारी ने बनाए रखी दूरी 

उपचुनाव के रण में डोटासरा पायलट और गहलोत ने किया प्रचार 

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उपचुनाव में केंद्रीय नेतृत्व और प्रभारी ने बनाए रखी दूरी 

 

राजस्थान में सात सीटों पर प्रचार का शोर थम गया है। अब बड़ी-बड़ी सभाओं और भारी भरकम लवाजमे के साथ प्रत्याशी और पार्टियां चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी। भाजपा और कांग्रेस के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। जहां तक प्रचार अभियान की बात है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पूरी तरह नदारद रहे।

उपचुनाव के चरण में सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और गहलोत ने की जनसभा 
राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी प्रत्याशी और पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में जुटी रही। कांग्रेस के नेता भी ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक के बाद एक सभाएं करते हुए नजर आए। स्टार प्रचारकों ने प्रचार में खुद को पूरी तरह से झोंक दिया। आरोप प्रत्यारोप और खुद को पाक साफ बताने वाले बयानों की झड़ी भी लगी रही। 
राजस्थान की दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा, सलूंबर, चौरासी, खींवसर और रामगढ़ सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन नेता हर जाति और समाज के वोटर्स को लुभाने के लिए वादों की फेहरिस्त गिनाते यह। पुराने गिले शिकवे भूलकर माफ करने की दुहाई भी दी गई। पूरे नहीं किए जा सकने वालों वादों के लिए भी हामी भरी गई। एक-एक वोट के लिए हरसंभव जतन किए। बड़े बुजुर्गों के पैर छुए तो युवाओं के कंधों पर हाथ रखा गया।

 प्रचार के अंतिम दिन नेताओं ने लगाया पूरा जोर 
प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पांच सीटों पर दमखम दिखाया तो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चार सीटों पर पार्टी के प्रचार अभियान को धार दी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दौसा और देवली-उनियारा में प्रत्याशियों की नामांकन सभा के बाद प्रचार में नजर नहीं आए। इस बीच चौरासी और झुंझुनू की दो सीटें ऐसी भी रही, जहां कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता प्रचार करने नहीं पहुंचा। 

एक-एक वोट के लिए किया हर संभव जतन
कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा में दौसा में दीनदयाल बैरवा, देवली उनियारा में कैसी मीणा के लिए प्रचार किया। उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा रामगढ़ में पार्टी प्रत्याशी आर्यन जुबेर खान के लिए प्रचार करते हुए नजर आए।  पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरे उपचुनाव में दौसा और देवली उनियारा में चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए। इस दौरान उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह दूधसरण और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी रहे। 
सचिनपायलट ने दौसा रामगढ़ और देवली उनियारा में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में सभाओं को संबोधित किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का पूरा ध्यान रामगढ़ सीट पर केंद्रित रहा। यही कारण रहा कि वह बाकी सीटों पर चुनावी अभियान से दूर नजर आए। 
राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव के लिए जो स्टार प्रचारकों की सूची जारी हुई थी। उसमें गांधी परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं है न ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का इसमें नाम था।ऐसे में संभावना यही जताई जा रही थी कि उपचुनाव के बीच केंद्रीय नेतृत्व की सभा राजस्थान में शायद ही हो। हुआ भी यही, सात में से एक भी सीट पर मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल या प्रियंका सभा करने नहीं आईं। हालांकि, सोनिया गांधी राजस्थान से ही राज्यसभा सदस्य है।