पंचायती राज एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान

सरकार का सरपंचों पर शिकंजा, सफाई के लिए फंड न होने का बहाना अब नहीं चलेगा

प्रदेश में सरपंचों की जिम्मेदारी को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। पंचायती राज एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को रावतभाटा के दौरे पर यह ऐलान किया कि यदि किसी पंचायत के सरपंच ने सफाई के लिए फंड न होने का बहाना बनाया, तो उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, निलंबन के बाद भी सरपंच पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री दिलावर ने रावतभाटा के भेसरोड गढ़ में पंचायत समिति का निरीक्षण करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश की हर पंचायत में साफ-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। अगर किसी पंचायत में सफाई को लेकर कोई शिकायत मिली तो उस पंचायत के सरपंच के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पंचायती फंड से आने वाले बजट का 45% सफाई के लिए खर्च किया जाना चाहिए, जो कि लाखों रुपये तक होता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को सफाई व्यवस्था के लिए सालाना 12 लाख रुपये से कम का बजट नहीं मिलता। यदि इसके बावजूद कोई सरपंच सफाई के लिए बजट न होने का तर्क देगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो सरपंच के साथ-साथ ग्राम सचिव पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार मंत्री दिलावर ने साफ-सफाई को लेकर अपनी गंभीरता व्यक्त की। अब प्रदेश के सरपंचों को फंड न होने का बहाना बनाना या जिम्मेदारी से बचना महंगा पड़ सकता है।