उदयपुर से भाजपा सांसद मन्नालाल रावत और भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत के बीच अक्सर बयान बाजी देखने को मिलती हैं। दोनों ही नेता अक्सर एक दूसरे पर राजनीतिक बयानों के तीर चलाते रहते हैं। और अब एक बार फिर दोनों नेताओं के बीच सियासी जंग छिड़ गई। सांसद राजकुमार रोत ने भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा है। रोत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा की बीजेपी के नेताओं का कल्चर है जोर से बोलो झूठ बोलो और देश की भोली भाली जनता को गुमराह करो।आदिवासियों के मुद्दे को लेकर अक्सर मन्ना लाल रावत बयान बाजी करते हुए नजर आते हैं। जिसके बाद अब राजकुमार रोत ने मन्नालाल रावत को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। रोत ने सवाल करते हुए कहा की क्या मन्नालाल की नजर में देश के आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेता पाकिस्तानी है ?
रोत ने कहा- बीजेपी के नेताओं का कल्चर जोर से बोलो झूठ बोलो और जनता को गुमराह करो
सांसद राजकुमार रोत ने कहा उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की ओर से बाप पार्टी और मेरे को लेकर बड़बोले बयानो का मैं जवाब देना उचित नहीं समझा। लेकिन कहावत है ना झूठा आदमी झूठ को बार बार और जोर-जोर से परोसता है तो दुनिया उसको सच मान लेती है। रोत ने कहा मन्नालाल रावत का लट्ठु झूठ है एक साल पहले मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़को पर घुमाया व 300 के करीब लोगों की हत्या कर दी गई। उस बात को लेकर BAP पार्टी के नेतृत्व में डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकाला था और अब वही फोटो के साथ मन्नालाल पोस्ट करके कहते है कि बाप नेता पाक एजेंसी ISI की ताकते हैं। वक्फ बिल को लेकर मन्नालाल वीडियो में राम राम दोस्तों संबोधन करके झूठ बोलने लगे कि बाप पार्टी वक्फ बिल का सपोर्ट करके अनुसूचित क्षेत्र की जमीन मुस्लिम को देना चाहती है। अब हकीकत गृह मंत्री अमित शाह और सांसद ओवैसी के भाषण में स्पष्ट किया है और हकीकत है कि अनुसूचित क्षेत्र घोषित होने के बाद उस क्षेत्र में वक्फ को नवीन जमीन आवंटन नही की है और ना ही भविष्य में की जा सकती है।
सांसद राजकुमार रोत और मन्ना लाल रावत के बीच सियासत तेज
किसी ST व्यक्ति ने मुस्लिम धर्म अपना भी लिया है तो भी वो वक्फ को जमीन नही दे सकता, ना ही वक्फ बोर्ड ST की जमीन ले सकता है और ना ही वो सदस्य बन सकता है। रोत ने कहा की इस बार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने वाले आदिवासी भाइयों को मन्नालाल रावत ने बधाई तो दूर की बात, उन पर नवअगस्तीये करके भद्दी टिप्पणी की थी। आदिवासी समुदाय का व्यक्ति अगर कोई गर्व से खुद को आदिवासी कहता है तो ऐसे व्यक्ति को मन्नालालजी संविधान विरोधी व देशद्रोही का दर्जा देते है। क्या ऐसी सोच आदिवासी सांसद की हो सकती है ? इसलिए उनके प्रमाण पत्र पर लोगों को शक होने लग गया है। रोत ने कहा अंग्रेजों, राजा-रजवाड़ों से आजादी को लेकर अलग भील प्रांत की मांग करते हुए मानगढ़ पर 1500 से अधिक शहीद हुए भील गणवीरों व गोविंद गुरु महाराज के इतिहास को मन्नालाल रावत ने पाठ्यक्रम से हटाने की मांग कर डाली थी। क्या सच में एक आदिवासी सांसद आदिवासियों के महापुरुषों के इतिहास को हटाने की सोच रख सकता है ? कुछ तो दाल में काला है।
राजकुमार रोत ने मन्नालाल रावत को किया सवालों के कटघरे में खड़ा
भारत सहित पूरे विश्व में मानव उत्पत्ति व मानव विकास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्ञान देने वाले मानवशास्त्र विषय को देश के शिक्षण संस्थाओं के पाठ्यक्रम से हटाने की मांग लोक सभा में कर दी। इस घटना के बाद तो मन्नालाल रावत आदिवासी विरोधी ही नही, पूरे मानव जाति के विरोधी लगे। ये तो मन्नालाल रावत के कुछ ही भ्रमित करने वाले बयानों का उदाहरण है, बाकी आदिवासी, दलित, मुस्लिम व गरीब के लिये रात दिन षड्यंत्र करके झूठ पर झूठ बोलते हैं। मुझे व्यक्तिगत मन्नालाल से कोई समस्या नहीं है लेकिन उनकी आदिवासी समाज विरोधी हरकतों से मुझे ही नहीं, पूरे आदिवासी क्षेत्र की जागरूक जनता को दिक्कत है। हालांकि अंधभक्त ताल में ताल ठोकते रहते हैं। झाड़ोल कोटड़ा में नर भक्षी पैंथर के हमले से कई आदिवासियों की मृत्यु व घायल हो गये थे। पीड़ित को सहायता तो दूर, और मन्नालालजी कहने लगे ये पैंथर तो बाप पार्टी व राजकुमार द्वारा छोड़े गये है। इनसे बड़ा फैंकने वाला सायद कोई होगा। रोत ने कहा एक रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी जिसमें सांसद मन्नालाल रावत उनके बीजेपी कार्यकर्ता को कह रहे हैं - जाओ आदिवासियों के घर जला दो उनको लट्ठ लेकर मारो। एक आदिवासी सांसद द्वारा आदिवासी समाज के घर जलाने की बात करता है। क्या उनकी ये गंदी सोच उनके प्रमाण पत्र को शक के घेरे में डालता है कि नही ? संविधान सभा में आदिवासी समुदाय व देश की आमजनता की मजबूती से पैरवी करने वाले जयपाल सिह मुंडा की जन्म जयंती मनाने पर कहने लगे ये झारखंडी व ईसाई है और जयंती मनाने वाले लोग देश विरोधी ताकत हैं। क्या जयपाल सिह मुंडा के प्रति ऐसे विचार एक ST सांसद के मन में आ सकते है ?