जयपुर (संदीप अग्रवाल): प्रदेश में इन दिनों विधानसभा में 2025-26 का बजट सत्र चल रहा है। विपक्ष जहां पर भजन लाल सरकार की कमियों को सदन के सामने रखते हुए जमकर हंगामा कर रहा है, वही पर सरकार भी बजट के साथ साथ यिासी मुद्दों को हवा देकर चिंगारी भड़काने का काम कर रही है। इसी को लेकर भजन लाल शर्मा ने सियासी मुद्दों को लेकर विपक्ष पर एक तीर से दो निशाने साधे है। यहां पर बात चाहे राम जल सेतु की हो, नए जिले की हों या फिर हो रिफाइनरी की, इन सभी मुद्दों को लेकर बजट में भजन सरकार ने काफी कुछ कहा है।
प्रदेश के युवाओं को मिलेगी एक लाख 25 हजार नौकरियां
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक तरफ राजस्थान का बजट पेश किया तो दूसरी तरफ इस बजट से कई सियासी मुद्दों को भी साध लिया। चाहे राम जल सेतु हो, नए जिले हों या फिर रिफाइनरी इन सभी मुद्दों को लेकर बजट में भजन सरकार ने काफी कुछ कहा है। राजस्थान विधानसभा में आज से बजट पर वाद-विवाद शुरू हो गया। बुधवार को जैसे ही वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भजनलाल सरकार का दूसरा बजट पेश किया उसी समय से विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था लेकिन बाद में विधासभाध्यक्ष वासूदेव देवनानी के हस्तक्षेप के बाद शांत हुए। बजट में खास या यू कहें की सबसे बड़ा एलान युवाओं के लिए नौकरियों को लेकर रहा। सरकार अगले एक साल में युवाओं को 1.25 लाख सरकारी नौकरियां देंगी।
निजी क्षेत्रों का भी बजट में रखा गया है विशेष ध्यान
वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने बजट में निजी क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में भी 1.50 लाख रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार ने किसानों की सम्मान निधि बढ़ा कर 9 हजार रुपए कर दी है। पूर्व में इसे 6 हजार से 8 हजार रुपए किया गया था। इसके अलावा बुजुर्ग, विधवा समेत विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन में प्रति माह 100 रुपए की बढ़ोतरी कर इसे 1250 रुपए किया गया है। बड़े पैमाने पर काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए 350 करोड़ रुपए का सामाजिक सुरक्षा फंड बनाया गया है। इन घोषणाओं के इतर बजट में कई सियासी मुद्दों को साधने का काम भी किया गया है। बजट में पानी, रोजगार, खेती और पर्यावरण समेत विभिन्न वर्गों के लिए कई घोषणाएं की।
भजन लाल सरकार ने कुछ यूं साधे सियासी मुद्दे
सियासी तौर पर चर्चित रामजल सेतु परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी) के लिए 9300 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान। वॉटर ग्रिड कॉर्पोरेशन की स्थापना कर इसमें 4 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। ईआरसीपी को लेकर राजस्थान में दो बड़े चुनाव लड़े जा चुके हैं।
विधानसभा और लोकसभा दोनों में ईआरसीपी बड़ा मुद्दा रहा। कांग्रेस मौजूदा भजनलाल सरकार पर यह आरोप लगाती रही कि ईआरसीपी को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है और सरकार इसके लिए संशोधित परियोजना का एमओए भी सामने नहीं आने दे रही है। बजट में परियोजना के लिए वित्तीय प्रावधान कर इन आरोपों का जवाब भी दे दिया गया है।
भाजपा सरकार ने कांग्रेस राज में बने 17 में से 9 जिले समाप्त कर दिए थे। अब शेष 8 जिलों में कार्यालय बनाने के लिए एक हजार करोड़ दिए। पिछली गहलोत सरकार में बनए गए इन नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म करने के फैसले पर मुख्यमंत्री भजनलाल लगातार कांग्रेस के निशाने पर हैं। लेकिन बजट में शेष रहे 8 जिलों के लिए फंड जारी कर उन्होंने एक बड़ा सियासी दांव खेल दिया है।
भाजपा-कांग्रेस के बीच लंबे समय से राजनीतिक श्रेय का मुद्दा बनी पचपदरा रिफायनरी अगस्त से चरणबद्ध रूप से उत्पादन शुरु करेगी। रिफाइनरी लेकर राजस्थान में बीते करीब 15 सालों से राजनीति जारी है। यदि अब बजट घोषणा के अनुसार अगस्त से रिफाइनरी का काम शुरू हो जाता है तो यह भजनलाल सरकार की बड़ी जीत मानी जाएगी।
हर विधानसभा में 10-10 करोड़ की लागत से सड़कें और विधायक जन सुनवाई केन्द्र। मरुस्थलीय क्षेत्र में सड़कों के लिए 15 करोड़ मिलेंगे। इस घोषणा से भाजपा सरकार ने विधायकों को भी साधने का काम कर लिया है। यह फंड विधायक की अनुशंसा पर ही खर्च होगा।