कांग्रेस ने उपचुनाव में बागियों पर भी खेला दांव 

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दंगल में कांग्रेस ने मैदान में उतारे प्रत्याशी

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कांग्रेस ने सात उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी

 

 

एंकर- राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दंगल में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इनमें से 6 कैंडिडेट पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस ने एक सीट पर सहानुभूति कार्ड भी खेला है। भाजपा पहले ही 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है। और अब कांग्रेस ने भी बिना किसी गठबंधन के सातों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। 

प्रदेश में सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होगा उपचुनाव
सभी 7 सीटों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इसके साथ ही अब 6 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा और दो सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी के मैदान में होने के कारण आमने-सामने का मुकाबला तय हो चुका है। पांच सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आमने-सामने का मुकाबला होगा, वहीं सलूंबर सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष नजर आएगा. चौरासी में बाप और कांग्रेस के बीच टक्कर होगी। हालांकि, हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल ने खींवसर सीट को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
सभी सीटों पर पार्टी ने नए प्रत्याशियों को मौका दिया है। रामगढ़ में पार्टी ने सहानुभूति कार्ड चलकर दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन को टिकट दिया है, वहीं खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी से गठबंधन नहीं करते हुए रतन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।

उपचुनाव के दंगल में कांग्रेस ने मैदान में उतारे प्रत्याशी 
कांग्रेस ने झुंझुनू से मौजूदा सांसद बृजेंद्र ओला के पुत्र अमित ओला को मैदान में उतारा है। वहीं बात करें रामगढ़ सीट की तो यहां पूर्व विधायक जुबेर खान की मौत के बाद से खाली हुई रामगढ़ सीट पर उनके छोटे बेटे आर्यन जुबेर खान को मौका देते हुए सहानुभूति कार्ड खेला गया है। दौसा में फिलहाल मुरारी लाल मीणा के परिवार से कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं है यही कारण है की पार्टी ने यहां से दीनदयाल बैरवा को टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है। टोंक जिले की देवली उनियारा सीट से कस्तूरी चंद मीणा को मैदान में उतारा गया है।  सलूंबर में रेशमा मीणा कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी और यहां त्रिकोणीय मुकाबला होगा। 

कांग्रेस ने उपचुनाव में बागियों पर भी खेला दांव 
खींवसर सीट पर कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से गठबंधन नहीं करके खुद का उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। खींवसर सीट से सवाई सिंह चौधरी की पत्नी रतन चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। सवाई सिंह पिछली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में चले गए थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी पत्नी को उपचुनाव में टिकट दिया है। भाजपा नेता सवाई सिंह चौधरी ने पत्नी रतन चौधरी को टिकट मिलते ही बीजेपी से इस्तीफा दे दिया।
डूंगरपुर की चौरासी में बाप पार्टी के प्रत्याशी को महेश रोत टक्कर देते हुए नजर आएंगे। महेश रोत एक युवा चेहरा है। जिस पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है। इस सीट पर कांग्रेस में पिछली बार उम्मीदवार रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताराचंद भगोरा का टिकट काटा गया है।
दौसा में दीनदयाल बैरवा को नए चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। बीजेपी ने यहां से डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। इस सीट पर कांग्रेस ने एससी जबकि भाजपा ने ST उम्मीदवार उतारा है। दौसा की सीट जनरल है जबकि यहां एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इसके चलते सामान्य वर्ग के वोटर्स का एक तबका नाराज है।