Edited by : Kritika
राजस्थान : राज्य सरकार ने सफाई कर्मचारी के पद पर कुल 23,820 रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सोमवार से प्रारंभ हो गई है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
स्वायत्त शासन विभाग ने इस भर्ती का नोटिफिकेशन 27 सितंबर की रात जारी किया था। इस नौकरी के लिए केवल राजस्थान के मूल निवासियों को आवेदन करने की अनुमति है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 6 नवंबर है।
उम्मीदवारों का चयन लॉटरी के आधार पर किया जाएगा, जिसमें तीन गुना अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। चयनित उम्मीदवारों को दो महीने तक सफाई कार्य कर दिखाना होगा, जिसके बाद सरकार की ओर से नियमानुसार भुगतान किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों का चयन कर उन्हें दो साल के लिए प्रोबेशन पर रखा जाएगा, जिसके बाद स्थाई नियुक्ति दी जाएगी।
यदि किसी उम्मीदवार के फॉर्म में कोई गलती हो जाती है, तो वे उसे 11 से 25 नवंबर 2024 के बीच सुधार सकते हैं। इस भर्ती में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी का राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उम्मीदवार के पास सफाई और सार्वजनिक सीवरेज की सफाई का एक साल का कार्य अनुभव होना आवश्यक है। केवल उन्हीं उम्मीदवारों को भर्ती में आवेदन करने की अनुमति होगी जिन्होंने नगर निगम, नगर पालिका या नगर परिषद से प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। प्राइवेट कंपनियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।
राजस्थान सफाई कर्मचारी भर्ती 2024 के लिए आयु सीमा 18 से 40 वर्ष रखी गई है। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी, और आयु की गणना एक जनवरी 2024 को आधार मानकर की जाएगी।
उम्मीदवारों का चयन निकाय स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी और प्रैक्टिकल के माध्यम से किया जाएगा। आवेदन करने के बाद हर अभ्यर्थी का इंटरव्यू लिया जाएगा, जिसके बाद प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें झाड़ू लगाने से लेकर नालियों की सफाई तक का कार्य करवाया जा सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले राजस्थान में 24,797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन किया था, जिसके कारण सरकार ने उस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया। अब, नई भर्ती प्रक्रिया में वाल्मीकि समाज की प्राइवेट कंपनी द्वारा जारी प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं देने की मांग को मान लिया गया है।