Edited by : Kritika
पटना: प्रशांत किशोर, जिन्हें पीके के नाम से जाना जाता है, ने 2 अक्तूबर को अपनी नई पार्टी 'जन सुराज' की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह बिहार में लागू शराबबंदी को एक घंटे के भीतर खत्म कर देंगे। उनके इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी, खासकर तब जब यह बयान महात्मा गांधी की जयंती के दिन दिया गया। विभिन्न राजनीतिक दलों ने पीके के इस बयान की कड़ी आलोचना की, जिससे वे बैकफुट पर आते दिखे। इसके बाद, प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की विचारधारा को स्पष्ट करने के लिए गांधी, अंबेडकर और टैगोर का नाम लिया।
जन सुराज की विचारधारा: गांधी, टैगोर और अंबेडकर की शिक्षाओं पर आधारित
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की विचारधारा महात्मा गांधी, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और बाबा साहेब अंबेडकर की शिक्षाओं से प्रेरित है। उन्होंने कहा, "हमारी विचारधारा का मूल मानवता है। जाति, धर्म, या अन्य किसी आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। जन सुराज की राजनीति 'ह्यूमन फर्स्ट' (Human First) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें मानवता को सर्वोपरि रखा गया है।"
बिहार का विकास और जन सुराज के लक्ष्य
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी का मुख्य उद्देश्य बिहार का समग्र विकास करना है। उन्होंने स्पष्ट किया, "हमारा उद्देश्य किसी को मुख्यमंत्री या विधायक बनाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा बिहार बनाना है, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग रोजगार की तलाश में आएं। तभी हम कह सकते हैं कि बिहार का सही विकास हुआ है।"
जन सुराज का लक्ष्य एक ऐसे बिहार का निर्माण करना है, जहां समानता, विकास, और मानवता राजनीति से ऊपर हो और व्यक्तिगत स्वार्थ से परे हो। पीके के अनुसार, उनकी पार्टी जाति और धर्म के विभाजन से परे जाकर मानवता को प्राथमिकता देगी।
शराबबंदी के बयान पर आलोचना के बाद सफाई
शराबबंदी पर दिए गए बयान के बाद आलोचना से घिरे पीके ने अब स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी गांधी, अंबेडकर और टैगोर के रास्ते पर चलेगी। हालांकि, शराबबंदी के मुद्दे पर उनका बयान अब भी चर्चा में है, लेकिन वे अब अपनी पार्टी की विचारधारा को लेकर जनता के बीच सफाई दे रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा, "लोग अक्सर पूछते हैं कि हमारी विचारधारा क्या है। क्या हम वामपंथी हैं या दक्षिणपंथी? हमारे बीच समाजवादी, गांधीवादी, अंबेडकरवादी और संघ से जुड़े लोग भी हैं। यहां तक कि पांच वक्त की नमाज पढ़ने वाले मुसलमान भी हैं। ऐसे में हमारी विचारधारा क्या होगी?"
इस तरह पीके ने स्पष्ट किया कि जन सुराज का उद्देश्य राजनीतिक दलों की सीमाओं से परे जाकर एक व्यापक विचारधारा को अपनाना है, जिसमें सभी विचारधाराओं का समावेश हो।