उत्तराखंड मदरसा देहरादून जिले में बिना पंजीकरण संचालित किए जा रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद 15 मदरसों को सील कर दिया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिले में सील किए गए मदरसे उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद से संबद्ध नहीं थे और उनके नक्शे भी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) से स्वीकृत नहीं थे. डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन ने मदरसों को सील करने का आदेश पारित किया और संबंधित अधिकारियों ने उसका पालन किया. बंसल ने बताया कि जिले में इस तरह के करीब 60 मदरसे हैं. कुछ मदरसों के परिषद से संबद्ध न होने, उनके वित्त पोषण के स्रोतों के संदिग्ध होने तथा राज्य के बाहर के छात्रों के नाम भी वहां पंजीकृत होने संबंधी खबरें सामने आई थीं जिसके बाद जनवरी में नगर निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इसके सत्यापन के लिए अभियान चलाया गया था.
देहरादून
हाल के दिनों में उत्तराखंड में कम से कम 170 मदरसों को सील कर दिया गया है। ऐसा अधिकारियों द्वारा बिना पंजीकरण के चल रहे संस्थानों पर राज्यव्यापी कार्रवाई के बाद किया गया है। इस कार्रवाई की मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग ने तीखी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कदम इस्लामी शिक्षण संस्थानों को गलत तरीके से निशाना बना रहा है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में, जहाँ मुस्लिम आबादी बहुत ज़्यादा है, ज़िला प्रशासन, नगर निगम और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने रविवार को निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण अभियान का उद्देश्य पंजीकरण की स्थिति और नियामक मानदंडों के अनुपालन की जाँच करना था। कथित तौर पर अपंजीकृत होने के कारण इलाके के सात मदरसों को सील कर दिया गया। देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर सहित अन्य जिलों से भी इसी तरह की कार्रवाई की खबरें आई हैं
CM के आदेश के बाद एक्शन शुरू
दिसंबर 2024 में CM पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सभी मदरसों के वेरिफिकेशन का ऑर्डर दिया। ये वेरिफिकेशन रजिस्ट्रेशन, फंडिंग सोर्सेज और स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर किया गया। इसके बाद 27 फरवरी को 5 साल बाद उत्तराखंड मदरसा बोर्ड मान्यता समिति की मीटिंग हुई। इसमें मदरसों के रजिस्ट्रेशन के लिए आईं पुरानी और नई एप्लिकेशन की समीक्षा की गई। इससे पहले कि संस्थानों को मान्यता और रिन्युअल के सर्टिफिकेट पहुंचते, अगले ही दिन मदरसों पर एक्शन शुरू हो गया। प्रशासन का कहना है कि जो मदरसे सील किए गए, उनके पास मदरसा बोर्ड की मान्यता नहीं है।