जयपुर (संदीप अग्रवाल): मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आर्युवेद सहित तमाम चिकित्सक अपनी अपनी राय देते है। ऐसे में ये सच भी है कि जीवन में मनुष्य के मस्तिस्क का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। इसी को लेकर जिंदगीनामा की श्वेता बसु प्रसाद ने भी इसको यानी मानसिक स्वास्थ्य को जीवन में बहुत जरूरी बताया है। उन्होने कहा कि जीवन में मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी है। बसु मुंबई में एक इंटरव्यू में बोल रही थी।
छह-एपिसोड की एंथोलॉजी जिंदगीनामा, मानसिक स्वास्थ्य की जटिलताओं को उजागर करती है
सोनीलिव पर स्ट्रीम होने वाली छह-एपिसोड की एंथोलॉजी जिंदगीनामा, मानसिक स्वास्थ्य की जटिलताओं को उजागर करती है, शक्तिशाली कहानी और बेहतरीन अभिनय के माध्यम से कलंक से निपटती है। प्रत्येक एपिसोड एक अलग मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की खोज करता है, सहानुभूति को बढ़ावा देता है और उन बातचीत को प्रोत्साहित करता है जिन्हें अक्सर समाज में अनदेखा कर दिया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आम गलत धारणाओं पर बसु का दृष्टिकोण
भंवर एपिसोड में, श्वेता बसु प्रसाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में आम गलत धारणाओं पर अपना दृष्टिकोण साझा करती हैं। “सबसे बड़ी गलतफहमियों में से एक यह है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे केवल विशेषाधिकार प्राप्त या अमीर लोगों को प्रभावित करते हैं। हम अक्सर ऐसी बातें सुनते हैं, ‘ये हमें कैसे हो सकता है?’, ‘उस पर भूत सवार है,’ या ‘यह काला जादू है’। ये कहानियाँ नुकसानदेह हैं और संघर्ष कर रहे व्यक्ति को अमान्य महसूस करा सकती हैं। स्वीकार करना पहला कदम है। आज, ऑनलाइन बहुत सारी जानकारी है लेकिन अभी भी बहुत कम वास्तविक समझ है।”
ज़िंदगीनामा के सार को पकड़ते हैं बसु के शब्द
मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लंबे समय से चली आ रही मिथकों को चुनौती देना और समाज को सहानुभूति, देखभाल और जिम्मेदारी के साथ इस पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करना। अप्लॉज एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत और एंटीमैटर द्वारा निर्मित, एमपॉवर द्वारा संकल्पना के साथ, ज़िंदगीनामा महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने में कहानी कहने की शक्ति का एक प्रमाण है। यह श्रृंखला मानसिक स्वास्थ्य के बारे में समझ और सहानुभूति को बढ़ावा देने की आकांक्षा रखती है, जो इसे समकालीन कथाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त बनाती है।
आदित्य सरपोतदार, सुकृति त्यागी, मिताक्षरा कुमार, डैनी मामिक, राखी सांडिल्य और सहान सहित प्रतिभाशाली लाइनअप द्वारा निर्देशित, ज़िंदगीनामा व्यक्तिगत यात्राओं को दिखाती है जो दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ती हैं। इसका उद्देश्य न केवल संघर्षों को उजागर करना है, बल्कि इन अनुभवों से उभरने वाली ताकत और लचीलापन भी है।